में जानता हूँ
हाँ , में जानता हूँ
जिंदगी एक सजा है
तेरे बगेर
देख लो
तुम्हें पाने की उम्मीद
तुमसे मिलन की ख्वाहिश में
मर मर कर
जिए जा रहा हु में ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
waah kya baat hai , gagar me sagar bhar diya aapne ........marmsparshi rachna ke liye badhai aapko ........
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....
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