तुम भी क्या हो ...........
तुम हमेशा फूलों की सुगंध में
रहते हो
फिर भी
अपनी जिंदगी के
हाल पर रोते हो
अरे मुझ से पूंछो
कांटो में मेने
गुजारी है जिंदगी
फिर भी देख लो
मेरे चेहरे पर शिकन
जुबान पर शिकायत नहीं है ........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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