जालंधर कैंट स्टेशन पर रविवार को पश्चिम एक्सप्रेस से उतरते हुए इस शख्स की जान संयोग से ही बच पाई। शाम ५.३क् बजे ट्रेन स्टेशन पर रुकने के बाद खुल गई और ४क् की स्पीड में थी, तब इस जनाब को उतरने की सूझी। पैर थोड़ा और फिसलता तो ट्रैक पर गिरते और तब..?
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 अगस्त 2011
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भाई अकेला जी! यह बोलती हुई एक्शन तस्वीरें तो अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में इनाम पाने के काबिल हैं. इत्तेफाक से ही ऐसे लम्हे कैमरे की पकड़ में आते हैं. इन्हें किसने उतारीं ?.... कैसे उतारीं? यह जानने की ख्वाहिश हो रही है. कृपया इसके बारे में और विस्तार से जानकारी देते हुए एक पोस्ट डालें.
जवाब देंहटाएंadbhut.....nisandeh yah taswweer purskar ke yogya hai..aur vah vyaktit jo utar rahaa hai, dund ke yogy.
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