टीवी चैनल ने इस इलाके की कुछ तस्वीरों का हवाला दिया है जिसमें चीनी सैनिकों को लाल झंडों और बैनरों के साथ दिखाया गया है जिसमें वो दावा कर रहे हैं कि यह जमीन उनकी है। चैनल को ये तस्वीरें सीमावर्ती गांव के सरपंच ने मुहैया कराई हैं।
इन तस्वीरों में दिखाया गया है कि भारतीय यात्री शेड के पास चीन की सेना के कुछ लोग आते हैं और वहां काम पर लगे भारतीयों मजदूरों को डराते-धमकाते हैं। तस्वीर में दिखाई देता है कि दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप चीन के सैनिक अपने निर्माण कार्यों में लगे हैं जबकि नरेगा के तहत किए जाने वाले कई काम रोक दिए गए हैं। चीनी सैनिक भारतीय मजदूरों से कहते हैं कि यह एलएसी है और तुम लोग चीन की सीमा में हो। यह जमीन चीन की है।
हालांकि गृह मंत्रालय ने ऐसी किसी रिपोर्ट से इनकार किया है। मंत्रालय का कहना है कि ऐसी किसी मामले को रक्षा मंत्रालय के पास सौंपा जाना चाहिए।
पिछले दिनों भी चीनी सैनिकों की भारत में घुसपैठ की खबरें आई थीं। आरोप है कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख सीमा पर यात्री शेड का निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदारों और मजदूरों को धमकाकर काम रुकवा दिया। इतना ही नहीं, सैनिकों ने जमकर नारेबाजी भी की। चीनी सैनिकों की इस हरकत से मजदूरों में दहशत फैल गई और वे मदद के लिए सेना के पास जा पहुंचे। अब इसी घटना के सबूत होने का दावा उक्त टीवी चैनल कर रहा है।
पीओके पर कब्जा!
चीन भारत को हर ओर से घेरने की चाल चल रहा है। पाकिस्तान को उसने शीशे में उतार लिया है। उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चीन को खुली छूट दे दी है। चीन यहां हाई स्पीड रेल ट्रैक बिछाकर खाड़ी देशों तक पहुंचने की मंशा रखता है। गिलगिट-बल्टिस्तान का यह क्षेत्र सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में पीपुल्स रिपब्लिक आर्मी के सात से 11 हजार सैनिकों की घुसपैठ होने की खबर है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के रास्ते चीन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में बेरोकटोक सड़क और रेल संपर्क सुनिश्चित करने के लिए इस पर अपनी पकड़ बनाना चाहता है। रिपोर्ट के अनुसार चीन इस क्षेत्र में 22 सुरंगों के निर्माण की जुगत में है। संभव है कि ये सुरंगें मिसाइल स्टोर करने के लिए इस्तेमाल हों।
चीन ने कब-कब की घुसपैठ?
इससे पहले चीन ने जुलाई 2009 तथा नवंबर 2009 में घुसपैठ कर लद्दाख के डेमचोक क्षेत्र में सड़क निर्माण को रुकवाया था। यहां चुमूर में चीनी सैनिक जगह जगह चीन लिख गए थे। चीनी सैनिकों ने डैमचो में ही न केवलल हमारे लोगों को पीटा था बल्कि उनके टैंट भी उठा कर ले गए थे। अभी हाल ही में चीन ने एलएसी के साथ उच्च क्षमता के ट्रांसमीटर लगाए हैं। इनके जरिए से स्थानीय भाषा में कार्यक्रम पेश कर लद्दाख में सांस्कृतिक घुसपैठ की जा रही है।
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