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25 अगस्त 2011

प्रदर्शन करने का ये तरीका है थोड़ा कलात्मक



आंदोलन के लिए जरूरी नहीं कि नाराजगी जाहिर करने वाले झंडे-बैनर बनाए जाएं या फिर भीड़ जुटाकर नारे लगाए जाएं। ब्रिटेन के दो कलाकारों ने इसका एक कलात्मक तरीका खोजा है। बैंक अधिकारियों के रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर करने के लिए उन्होंने रातोरात बस स्टॉप्स को घर का रूप दे दिया है।



गौरतलब है कि आर्थिक मंदी से जूझ रहे इस देश में बहुत से लोगों को अपने बैंक गंवाने पड़े हैं। वे लोग बैंकों से लिया गया कर्ज नहीं चुका सके और उनके घर बैंक ने कुर्क कर लिए हैं।



सबसे पहले मैनचेस्टर के वैली रेंज में ये काम किया गया। इसके बाद हूल्मे के चॉर्लटन रोड बस स्टॉप का नक्शा बदला गया। स्टॉप की दीवार पर वॉल पेपर लगाए गए हैं और एक पलंग भी रखा है। रात में ये काम किया गया था। सुबह जब लोग स्टॉप पर पहुंचे तो धोखा खा गए। इस इलाके में बहुत से भारतीय लोग रहते हैं और एक मंदिर भी बना है।



जन्माष्टमी के दिन वे लोग रात दो बजे तक मंदिर में थे। इससे जाहिर होता है कि ये काम रात दो बजे के बाद ही किया गया होगा। बाद में पता चला कि ये किनका काम है। एक ने अपना नाम टेरररिस्ट और दूसरे ने आइजैक शन्यूटन बताया है।



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