जनलोकपाल पर संसद में आज मचेगा घमासान
नई दिल्ली. जनलोकपाल बनाम लोकपाल को लेकर सरकारी कवायद खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने साफ कर दिया कि संसद में शुक्रवार को न केवल जनलोकपाल पर बल्कि सभी बिलों के ड्राफ्ट पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि चर्चा किस नियम के तहत होगी ये अभी तय नहीं है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि हम अन्ना के संपर्क में लगातार बने हुए हैं लेकिन सरकार की तरफ से उनसे मिलने कोई नहीं जाएगा।
वहीं वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि टीम अन्ना से केंद्र सरकार का संपर्क बना हुआ है व संकट के समाधान के लिए बातचीत जारी है। दूसरी तरफ जनलोकपाल के मुद्दे पर टीम अन्ना ने आडवाणी के घर जाकर बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर समर्थन पाने का दावा किया है ।
जनलोकपाल पर बहस कल, लिखित आश्वासन देने पर भी तैयार
जनलोकपाल बिल के लिए 10 दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे की जिद के आगे सरकार झुकती नजर आ रही है। ऐसी खबर है कि सरकार शुक्रवार को ही अन्ना की तीन शर्तों पर संसद में चर्चा शुरू करेगी। सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक जनलोकपाल बिल पर संसद में शुक्रवार को चर्चा होगी। लोकपाल के सभी ड्राफ्टों और अन्ना की तीनों शर्तों पर संसद में चर्चा होगी।
सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद फैसला किया गया कि नियम 184 के तहत सदन में कल जनलोकपाल पर चर्चा होगी। जनहित के अति महत्वपूर्ण मसलों पर इस नियम के तहत चर्चा का प्रावधान है। इस नियम के तहत वोटिंग भी होती है। सरकार के मंत्रियों के बीच संसद की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि संसद की कार्यवाही शनिवार को भी जारी रह सकती है। सरकार ने इन सभी मुद्दों का समाधान निकालने के लिए विपक्षी दलों से बातचीत शुरू कर दी है। सरकार अन्ना की शर्तों पर संसद में बहस के बारे में अन्ना हजारे को लिखित आश्वासन देने को भी तैयार हो गई है।
अन्ना ने अनशन तोड़ने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील ठुकराते हुए तीन शर्तें रखी हैं। उन्होंने रामलीला मैदान के मंच से समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि शुक्रवार से ही उनकी शर्तों पर संसद में चर्चा होगी तभी वह अनशन तोड़ सकते हैं। हालांकि धरना-प्रदर्शन उसके बाद भी जारी रहेगा। अन्ना ने अपनी तीन मांगें दोहराईं- 1.सभी दफ्तरों को लोकपाल के दायरे में लाया जाए। 2. राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाए। 3. सिटिजन चार्टर बनाया जाए।
अन्ना ने बताया कि केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख उनके पास सरकार की ओर से संदेश लेकर आए थे जिसके जवाब में उन्होंने पीएम के पास अपनी तीन शर्तें भेज दीं। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देशमुख रामलीला मैदान में अन्ना हजारे से मुलाकात करने पहुंचे थे। गौरतलब है कि अनशन के 10वें दिन देशमुख के रुप में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिनिधि अन्ना हजारे से मिलने पहुंचा। हालांकि आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी अन्ना हजारे से मुलाकात के बाद अन्ना की शर्तों की जानकारी दी।
अन्ना हजारे से मिलने के बाद देशमुख के आवास पर कांग्रेस सांसदों संदीप दीक्षित, सचिन पायलट, मिलिंद देवड़ा की बैठक हुई। इसके बाद देशमुख पीएम के पास अन्ना का जवाब लेकर गए। इसके बाद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से मीटिंग हुई। इसके बाद पीएम आवास पर मनमोहन सिंह के साथ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और रक्षा मंत्री ए के एंटनी की मीटिंग हुई। बाद में प्रधानमंत्री ने एक बार फिर संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल सहित कई मंत्रियों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शुक्रवार को सदन में जनलोकपाल बिल पर चर्चा के तौर-तरीके तय किए गए और यह भी तय हुआ कि अन्ना को उनकी मांगें माने जाने का लिखित आश्वासन दे दिया जाए।
उधर, विपक्ष की ओर से स्थिति साफ किए जाने की अन्ना की मांग पर भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार विपक्ष की अनुमति से लोकपाल बिल वापस ले। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जनलोकपाल बिल को आधार बनाकर संसद में चर्चा शुरू की जानी चाहिए।
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