जयपुर मेयर ज्योति खंडेलवाल, कोटा मेयर रत्ना जैन, अजमेर मेयर कमल बाकोलिया ने इस संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इसे विधानसभा में नहीं रखने की मांग की है। तीनों महापौरों ने साझा बयान जारी कर इस प्रावधान का विरोध किया है। इनका तर्क है कि निकाय प्रमुखों के नियंत्रण में पहले से ही अफसर नहीं है और इस प्रावधान से जनप्रतिनिधियों के हाथ में कुछ नहीं रह जाएगा। तीनों महापौरों ने मुख्यमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से मिलकर भी संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश नहीं कराने की मांग की है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 अगस्त 2011
पालिका संशोधन विधेयक : विरोध में आए मेयर
जयपुर मेयर ज्योति खंडेलवाल, कोटा मेयर रत्ना जैन, अजमेर मेयर कमल बाकोलिया ने इस संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इसे विधानसभा में नहीं रखने की मांग की है। तीनों महापौरों ने साझा बयान जारी कर इस प्रावधान का विरोध किया है। इनका तर्क है कि निकाय प्रमुखों के नियंत्रण में पहले से ही अफसर नहीं है और इस प्रावधान से जनप्रतिनिधियों के हाथ में कुछ नहीं रह जाएगा। तीनों महापौरों ने मुख्यमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से मिलकर भी संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश नहीं कराने की मांग की है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)