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11 अगस्त 2011

यहां बसते हैं दानव, जो यहां पर आया जिंदा नहीं लौटा

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वायुयान, समुद्री जहाज, हेलिकॉप्टर या फिर कुछ और जो भी इस दानवी क्षेत्र में गया वापस न आ सका। सौकड़ों की संख्या में बड़े- बड़े जहाज व शक्तिशाली प्लेनों के इस तरह गायब हो जाने से जुड़े रहस्यों को लेकर कई तरह की बाते की जाती हैं। कोई कहता है कि यहां समुद्री दानव बसते हैं तो कोई इसे नष्ट हुई किसी सभ्यता का असर बताता है। वैज्ञानिकों ने भी इस रहस्य पर पड़े पर्दे को हटाने के लिए कोशिशे की परंतु नतीजा सिफर रहा।
इतिहास
इस रहस्यमयी त्रिकोण के बारे सबसे पहले लिखने वाला व्यक्ति क्रिस्टोफर कोलंबस था। उसने और उसके चालक दल ने समुद्र के सतह पर नृत्य करती अद्भुत रोशनी देखी और अपनी लाग बुक में लिखा आकाश में आग की लपटें थी। उनलोगों ने अपने लॉग बूक में एक यह भी लिखा कि इस दौरान उनके कंपास ने बेतुकी दिशा दिखानी शुरू कर दी थी।
हालांकि आधुनिक विद्वानों ने इसे भ्रम करार दिया है। इसका कहना है कि उनके द्वारा देखा गया प्रकाश टेनो के रहवासियों द्वारा उनकी डोंगियों में रसोई के लिए जलाई गई आग से उत्पन्न हुआ था और कम्पास की समस्याएं एक सितारे की हलचलों को गलत पढ़ने के कारण उत्पन्न हुई थी।
इस बारे में प्रमाणिक रूप से सबसे पहले 16 सितंबर 1950 को इ. वी. डब्ल्यू. जोंस का लेख एसोसिएट प्रेस में छपा था। इसके दो साल बाद एक फेट नाम की एक पत्रिका में सी मिस्ट्री एट आवर डोर शिर्षक से एक लेख छपा था।
इसके बाद के वर्षो में भी इस त्रिकोण के जुड़ी बातें सामने आती रहीं, परंतु यह लाइम लाइट में 5 दिसंबर 1945 को आया। इस दिन अमेरिकी नेवी के पांच बम वर्षक विमान अटलांटिक महासागर की गहराइयों में समा गए। जब इसकी सूचना नेवी को मिली तो एक नौका को इनके खोज के लिए भेजा गया जो। यह नौका इस क्षेत्र की भवायह स्थितियों से बच नहीं पाया और उसने अपने 27 क्रू मेंमर्स के साथ समुद्र में समाधी ले ली।
क्या कारण हैं कि डूबते हैं विमान
बरमुडा ट्रएंगल में विमानों व जहाजों के गायब होने के पीछे सबसे प्रमुख कारण इसकी भौगोलिक स्थिति को माना जाता है। उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर में स्थित इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इस क्षेत्र में दाखिल होते ही विमानों के कंपास सही दिशा दिखाना बंद कर देते हैं। वैज्ञानिकों का मनना है कि इस क्षेत्र में भौतिकी के नियम लागू नहीं होते जिसके कारण ये हादसे होते हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र के चुंबकिय प्रभाव व चांद की स्थिति को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है।
वैज्ञानिकों ने इस घटना से संबंधित कुछ कारण बातए हैं जो इस प्रकार हैं-
प्राकृतिक कारण मीथने गैस के बुलबुले
-विमानों के गायब होने की घटनाओं के लिए मीथेन हाइड्रेट को जिम्मेदार बताया गया है। इस इलाके में समुद्र तल पर मीथेन हाइड्रेट्स के विशाल भंडार हैं। इस भंडार से मीथेन गैस के बड़े- बड़े बुलबुले उपर की ओर उठते रहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये बुलबुले पानी के घनत्व में कमी लाकर जहाज को डुबो देने की क्षमता रखते हैं।
कम्पास की समस्या
इस क्षेत्र में मौजूद शक्तिशाली चुबकिए शक्ति और उत्तर व दक्षिण धूर्वो के चुंबकिए प्रभाव के मिलने से इस क्षेत्र में ऐसी खास स्थिति बनती है कि यहां कंपास सही दिशा बनाने में अक्षम साबित होते है। इसके कारण पायलट सही फैशला लेने में गलती कर बैठते है, जिसका परिणाम हादसा होता है।
शक्तिशाली समुद्री तूफानअटलांटिक महासागर के इस क्षेत्र में शक्तिशाली तूफान आते रहते हैं। इन तूफानों में फंसकर वायुयान व समुद्री जहाज डूब जाते हैं।
गल्फ स्ट्रीम
इस क्षेत्र से शक्तिशाली गल्फ स्ट्रीम चलती हैं। ये गल्फ स्ट्रीम मैक्सिको की खाड़ी से निकल कर फ्लोरिडा के जलडमरू से उत्तरी अटलांटिक में जाती हैं। यह गल्फ स्ट्रीम असल में समुद्र के अंदर नदी की तरह होती। इसकी तेज बहाव में जहाजों के डूबने की संभावने की संभावना होती।
मानव त्रुटि
इस क्षेत्र में वायुयानों और जहाजों के खो जाने की घटनाओं के पीछे मानविय गलतीयों को भी जिम्मेदार माना जाता है। जैसे इस इस इलाके में गायब हुए टैंकर वी. ऐ के बारे में कहा जाता है कि इसके कर्मचारियों के प्रशिक्षण में कमी थी, जिसके कारण बेंजीन अवशिष्ट की सफाई में गलती हुई और जहाज डूब गया।
कहां है बरमुडा ट्राएंगल
दुनिया का सबसे रहस्यमयी स्थान अटलांटिक महासागर के बरमूडा मियामी, फ्लोरिडा और सेन जुअन, पुएटरे रिको द्वीपों के आस-पास है।

1 टिप्पणी:

  1. आप ने बहुत अच्छी जानकारी दी इस केलिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद्
    आप मेरे ब्लॉग पे भी अपना कीमती समय निकाल के आवे

    जवाब देंहटाएं

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