जयपुर। अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में असीमानंद के खिलाफ पेश चार्जशीट में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक इन्दे्रश कुमार की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट में कहा है कि इंद्रेश ने कार्यकर्ताओं को पहचान छिपाने के गुर सिखाए थे। हालांकि एनआईए ने उनके खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं किया, लेकिन साक्ष्य जुटाने का हवाला देते हुए अनुसंधान लम्बित रखा है। एटीएस जांच में भी इन्द्रेश का नाम आया था। बाद में दरगाह जांच केन्द्र सरकार के आदेश पर एनआईए के पास चली गई थी।
दरगाह विस्फोट में इस बैठक की अहम भूमिका थी। असीमानन्द के अलावा रामजी, संदीप, सुनील, सुरेश नायर, भावेश पटेल व मेहुल को फरार बताया गया है। जांच एजेंसी ने असीमानन्द व भरत भाई की भूमिका को अहम माना है। असीमानन्द ने ही भरत व सुनील जोशी को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी। इस सहायता से अन्य साथियों ने मोबाइल व विस्फोटक की व्यवस्था की और उन्हें दरगाह में रखा। इन्दे्रश कुमार के अलावा रमेश, अमित उर्फ हकला, प्रज्ञा, समुन्द्र व जयन्ति भाई के खिलाफ अनुसंधान लम्बित रखा है।
बहस 24 अगस्त से : एनआईए ने इस मामले में असीमानन्द के खिलाफ दो दिन पहले चार्जशीट पेश की थी। इस मामले में बुधवार को सुनवाई थी। सीबीआई मामलात की विशेष अदालत ने प्रसंज्ञान लेकर बहस के लिए 24 अगस्त का दिन तय किया है। इसके साथ ही बचाव पक्ष को चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराई गई।
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