जयपुर। कीमत मात्र 200 रूपए और एमबीए का हू-ब-हू पर्चा परीक्षा शुरू होने से पहले आपके हाथ में। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को तार-तार करने वाला यह नजारा बुधवार को मानसरोवर में मीरा मार्ग स्थित एक परीक्षा केंद्र के बाहर देखने को मिला। सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय की एमबीए परीक्षा में मार्केटिंग विषय का पर्चा बुधवार को परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले ही आईजीएम सीनियर सैकंडरी स्कूल (परीक्षा केंद्र) के बाहर परीक्षार्थियों को बेचे जाने के नजारे के गवाह बने राजस्थान पत्रिका के संवाददाता और फोटोग्राफर।
सपनों पर फिर रहा पानी
मानसरोवर स्थित आईजीएम परीक्षा केन्द्र के बाहर एक घंटे पहले बिकना शुरू हुए परचे ने परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। परचे के बिकने से उन हजारों परीक्षार्थियों के सपनों पर पानी फिरना तय है, जो कड़ी मेहनत कर परीक्षा देने पहुंचे थे।
उक्त केन्द्र के एक तरफ तो बाहर परचा खरीदने वाले परीक्षार्थियों ने उसमे दिए गए सवालों के उत्तरों का रट्टा लगाना शुरू कर दिया था, और दूसरी तरफ इनके बीच कई परीक्षार्थी ऎसे भी थे जो एक कोने में खड़े होकर पास बुक और अन्य किताबों से अंतिम क्षणों में भी तैयारी कर रहे थे। इन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि जो परीक्षा वे देने जा रहे हैं, उसे पास करने का जुगाड़ कई परीक्षार्थी बिना तैयारी के ही कर चुके हैं।
लड़कियों ने भी खरीदे परचे
कार में बैठे युवकों से परचा खरीदने वालों में कई लड़कियां भी थी। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि केन्द्र के बाहर यह कारस्तानी बुधवार को एक दिन के लिए नहीं थी। जिस तरह परीक्षार्थी अभ्यस्त के तौर पर परचा खरीदते नजर आए, उससे यह तय हो गया कि यहां यह गोरखधंधा नया नहीं था।
कई विद्यार्थियों के उड़े होश
बाहर से परचा खरीदने के बाद पत्रिका संवाददाता व फोटो पत्रकार ने परचे की विश्वसनीयता परखने के लिए स्कूल व परीक्षा आयोजकों से संपर्क कर परचे का मिलान किया। वहां मौजूद विश्वविद्यालय के प्रतिनिघि भी हतप्रभ रह गए और बाहर का परचा अंदर भी लेकर पहुंचे परीक्षार्थियों के होश उड़ गए। ए, बी व सी तीन भागों मे आए इस प्रश्न पत्र में आए सभी प्रश्न बाहर बिके प्रश्न पत्र से मिलान खाते थे।
परचे के साथ पकड़े गए
परीक्षा केन्द्र में हुबहू परचा बाहर वाला ही पाया गया तो वहां मौजूद अघिकारियों ने केन्द्र में बैठे परीक्षार्थियों की जांच की। यहां 7 विद्यार्थी तो बाहर बिक रहे परचे से ही पेपर करते हुए पकड़े गए।
जयपुर में 600 से ज्यादा परीक्षार्थी
सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय की ओर से यह परीक्षा जयपुर में दो केन्द्रों पर आयोजित की गई। दोनों केन्द्रों पर 600 से अघिक परीक्षार्थियों को इसमें शामिल होना था। करीब 80 प्रतिशत ने परीक्षा दी। जयपुर के अलावा राज्य के अन्य शहरों में भी परीक्षा केन्द्र थे। राज्य में करीब दो हजार परीक्षार्थियों का शामिल होना बताया जा रहा है।
अब क्या होगा : परीक्षा केन्द्र के बाहर परचा बिकने का खुलासा होने के बाद अब परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठ गया है। ऎसे में विश्वविद्यालय इस केन्द्र पर परीक्षा रद्द भी कर सकता है। इन आशंकाओं के चलते उन विद्यार्थियों के होश उड़े हुए हैं जिन्होंने पूरी तैयारी के बाद बुधवार को परीक्षा दी थी।
यूं चला घटनाक्रम
दोपहर 1:50 बजे : संवाददाता ने स्कूल परीक्षा केन्द्र के द्वार से कुछ ही दूरी पर खड़े युवकों से परचे के बारे में पूछा तो 2:30 बजे परचा आने की बात कहकर इंतजार करने के लिए कहा।
दोपहर 2:05 बजे : परीक्षा केन्द्र के दूसरी ओर मीरा मार्ग स्थित सामुदायिक केन्द्र के बाहर अल्टो कार (आरजे 14 सीजे 1730) में बैठे कुछ युवकों ने परचे की बिक्री शुरू कर दी। यकायक वहां खड़े कई परीक्षार्थी उस ओर जाने लगे। संवाददाता ने भी उधर रूख किया।
दोपहर 2:15 बजे : संवाददाता ने कार में बैठे युवकों से मार्केटिंग के परचे के लिए कहा। उन्होंने 200 रूपए लेकर परचा दे दिया। इसके बाद ये युवक परीक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले तक स्कूल से 20 मीटर की दूरी पर परचे बेचते रहे।
2:50 बजे : कार में बैठे युवक स्वयं भी परीक्षा देने चले गए।
3:15 बजे : संवाददाता ने परीक्षा केन्द्र के भीतर प्रवेश किया। परीक्षा केन्द्र पर उपस्थित विश्वविद्यालय के प्रतिनिघियों और विद्यालय प्रबंधन की उपस्थिति में बाहर बिक रहे परचे तथा अंदर वितरित किए गए मूल प्रश्न पत्र का मिलान शुरू किया।
3:25 बजे : प्रश्न पत्र में सभी प्रश्न बाहर बिकने वाले प्रश्न पत्र में से ही आए थे। जिस परीक्षार्थी की कॉपी जांची गई, वह 20 मिनट में सभी प्रश्न सही हल कर चुका था।
3:35 बजे : एक परीक्षार्थी बाहर बिके परचे से प्रश्न पत्र हल करता पकड़ा गया।
3:40 बजे : केन्द्र में उपस्थित सभी परीक्षार्थियों की जांच शुरू कर दी गई, जिसमें एमएफ 09 कोड वाले विषय के प्रश्न पत्र का परचा भी पकड़ा गया। इनमें परचे बेच रहे परीक्षार्थी भी शामिल थे।
3:55 बजे : सात परीक्षार्थी बाहर बिकने वाले परचे से नकल करते पकड़े गए। कार वहीं खड़ी रही।
हमें शक था
हमें इसका पहले से ही शक था। मैंने इसकी सूचना सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष को दे दी है।
विजय सिंह राठौड़, परीक्षा केंद्र पर विश्वविद्यालय के प्रतिनिघि
कंपनी का जिम्मा
परीक्षा केंद्र से बाहर की घटना पर विद्यालय नजर नहीं रख सकता। विवि ने परीक्षा का जिम्मा मेरिट्रेक कंपनी को दिया। उनके प्रतिनिघि यहां नियुक्त हैं। आप उनसे बात कर लें।
वंदना पांडे, प्राचार्य, आईजीएम सी. स्कूल
विकास जैन
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