‘चंदा’ की रवानगी एस्कॉर्ट ने रोकी
जयपुर चिड़ियाघर भी बाघिन यहां भेजने को तैयार हैं। चंदा को कोटा लाने के लिए वन विभाग (वाइल्ड लाइफ) एक कैंटर वाहन उपलब्ध करवा रहा है। इस एक वाहन से उसे यहां लाना डॉक्टर उचित नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि कैंटर गाड़ी में मेडिकल स्टॉफ के अलावा केयर टेकर, केटल गार्ड, ट्रांक्यूलाइजिंग गन, रस्सी, पानी व भोजन सुविधा व पूरा स्टॉफ आना मुश्किल काम है।
जयपुर से बाघिन लाने के लिए दो माह पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। एस्कॉर्ट के लिए वाहन सुविधा नहीं मिल रही है। इस सुविधा के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग को लिखा है। - डॉ. अखिलेश पांडे, चिकित्सक चिड़ियाघर
जयपुर चिड़ियाघर से यहां बाघिन लाने के लिए एस्कॉर्ट सुविधा नहीं मिल पा रही है। डॉक्टर को कैंटर से उसे यहां लाने के लिए निर्देश दिए है। शीघ्र ही चंदा को यहां लाने के प्रयास होंगे। - मदनलाल कुलदीप, रेंजर चिड़ियाघर कोटा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)