यूँ ही तुम
फिर से
मेरे सपने में
क्यूँ चले आते हो ...
आते हो तो फिर
बिना मिले
क्यूँ चले जाते हो ..
आखिर कोनसे जन्म की
दुश्मनी है
तुम्हारी मुझसे
जो इस तरह से
तड़पा तड़पा कर
सताते हो मुझे ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 जुलाई 2011
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बहुत ही खुबसूरत....
जवाब देंहटाएंयही प्यार है ....
जवाब देंहटाएंNice .
जवाब देंहटाएंजबरदस्त, यही प्यार है ...
बहुत ही खुबसूरत....
जवाब देंहटाएंसुंदर...
जवाब देंहटाएं------
जीवन का सूत्र...
NO French Kissing Please!