आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

15 जुलाई 2011

क्या इसे होश कहते हैं ............

आज
कई सालों बाद
फिर से
मुझे होश आया है
मेने तुम्हें
मेरे दिल की धडकन के करीब
फिर से पाया है
मेरी मदहोशी
तुम्हारी बेवफाई से ही तो थी
फिर आज
होश आया है
तो रोम रोम हर धडकन में
तुम्हे पाया है
क्या इसे ही होश कहते हैं ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...