आज
कई सालों बाद
फिर से
मुझे होश आया है
मेने तुम्हें
मेरे दिल की धडकन के करीब
फिर से पाया है
मेरी मदहोशी
तुम्हारी बेवफाई से ही तो थी
फिर आज
होश आया है
तो रोम रोम हर धडकन में
तुम्हे पाया है
क्या इसे ही होश कहते हैं ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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