कोटा। राज्य में कुछ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों द्वारा कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से प्राप्तांकों में हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। नाम न छापने की शर्त पर जयपुर के कुछ बीटेक छात्रों ने बताया कि कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट्स रिजल्ट घोषित होने के बाद उसे वेबसाइट से डाउनलोड करके एचटीएमएल पेज को संशोधित (एडिट) करके विषयों के प्राप्तांकों में फेरबदल कर लेते हैं। फिर इसका प्रिंट निकालकर स्वयं को पास दिखा देते हैं। यह प्रिंट ओरिजनल मार्कशीट की तरह दिखता है, इतनी ही नहीं स्टूडेंट परीक्षा नियंत्रक की सील और हस्ताक्षर को भी एडिट करके स्केन कर लेते हैं।
राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में इसका तब चला जब पिछले दिनों बीटेक में फेल हुए एक स्टूडेंट ने वेबसाइट से डाउनलोड किए रिजल्ट में स्वयं को पास दिखाकर यूनिवर्सिटी की मार्कशीट को गलत ठहराने की कोशिश की। परीक्षा विभाग ने ओरिजनल टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) के मूल डाटा से अंकों का मिलान किया तो यह स्टूडेंट फेल पाया गया। इसके बाद परीक्षा विभाग हरकत में आ गया और एक-एक छात्र की मार्कशीट में प्राप्तांकों को ओरिजनल टीआर से बारीकी से चैक किया जाने लगा। छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी करते समय मार्कशीट की जांच करने से अंकों में हेरफेर का पकड़ में आ सकती है।
वाह! क्या बात है. मेरे भाई के ब्लॉग का क्या रूप निखरकर आया है. हे मेरे खुदा! इसको किसी की बुरी नज़र से बचाना. बुरी नज़र वाले तेरा मुंह काला. अब मत इधर आना. नहीं तो मारेगा ऊपर वाला.
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग का रंग-रूप निखर गया. मीठी सेवईयां की पार्टी कब देने जा रहे हो भाई? फ़िलहाल कोटा आने की संभावना नहीं बन रही है. लेकिन आधुनिक ज़माने के अनुसार आप ऐसा करो कि-इन्टरनेट के तार में ही वहाँ से डाल दो. मैं यहाँ निकालकर खा लूँगा. बहुत-बहुत बधाई. ब्लॉग के नए रंग रूप के लिए.