आपका-अख्तर खान

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27 जुलाई 2011

लो में फिर आ गया दोस्तों ..................

मेरे शुभ चिंतकों ,मेरे भाइयों मेरी बहनों सभी को आदाब , सलाम . सादर नमन ......सादर वन्दे ....काफी लम्बे वक्त से में ब्लॉग की दुनिया में मिस्टर इण्डिया बन गया था और मेरे ब्लॉग ,मेरी लेखनी सफेदी के दाग की तरह ढूंढते रह गए थे ..दोस्तों आपकी दुआ और आशीर्वाद से मेरे बढे पुत्र शाहरुख़ खान का एडमिशन नोयडा अमिटी बी टेक कम्प्यूटर साइंस में करवा दिया है ..पिछले एक सप्ताह से इसी दोड़ भाग में  में व्यस्त था और इसी लियें मेरे ब्लोगर भाइयों को बोरिंग पोस्टें .बिगड़ी वर्तनी का लेखन ना देखने को मिल पा रहा था ना ही पढने को मिल पा रहा था ..लेकिन दोस्तों भोजन केसा भी हो अगर उसे अच्छी थाली में सजा कर खिलाया जाए तो निश्चित तोर पर ही बात कुछ और हो जाती है मेरे एक हमदर्द , मेरे मित्र रमेश भाई ने जो कहने को तो सिरफिरे है लेकिन उनका सिर सिर्फ इंसाफ की लड़ाई के लियें ही फिरता है और इसीलियें खुद ही खुद को सिरफिरा कहने लगे हैं भाई रमेश जी ने काफी कुछ सजा संवर कर ब्यूटी पार्लर से आई दुल्हन की तरह मेरे ब्लॉग को सजा संवर दिया है मेने जेसे ही ब्लॉग खिला क़सम खुदा की पहले तो में समझा में किसी और दुसरे के ब्लॉग पर हूँ ..फिर थोड़ी देर बाद समझा के यह सजा संवरा ब्लॉग तो मेरा ही ब्लॉग है और बस में भाई रमेश जी को धन्यवाद दिए बगेर नहीं रह सका ...खेर अभी तो कहने को बहुत कुछ है लेकिन अभी सिर्फ इतना कहना है के में एक बार फिर आप लोगों को सताने , परेशान करने , रोज़ मर्रा धमा धम  लिखा गया जबरन पढाने आ गया हूँ तो दोस्तों दिल थाम कर बेठो और बस कडवे कडवे , खट्टे खट्टे मिट्ठे मिट्ठे जो भी अनुभव है मेरे जबरन कडवी दवा की तरह से गले से उतारने के लियें तय्यार बेठे रहो ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. बड़े भाई जी, जरा ध्यान देख ली ना यह दुल्हन आपकी ही है.वैसे दुल्हन घुघंट उठाने के बाद ही पता चलती है कि अपनी है या किसी ओर की. आपका शुक्रिया.

    वाह! क्या बात है. मेरे भाई के ब्लॉग का क्या रूप निखरकर आया है. हे मेरे खुदा! इसको किसी की बुरी नज़र से बचाना. बुरी नज़र वाले तेरा मुंह काला. अब मत इधर आना. नहीं तो मारेगा ऊपर वाला. आपके ब्लॉग का रंग-रूप निखर गया. मीठी सेवईयां की पार्टी कब देने जा रहे हो भाई? फ़िलहाल कोटा आने की संभावना नहीं बन रही है. लेकिन आधुनिक ज़माने के अनुसार आप ऐसा करो कि-इन्टरनेट के तार में ही वहाँ से डाल दो. मैं यहाँ निकालकर खा लूँगा. बहुत-बहुत बधाई. ब्लॉग के नए रंग रूप के लिए.

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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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