प्रदेश में कांग्रेस की 'सोशल इंजीनियरिंग'
नई दिल्ली। अलवर सांसद जितेन्द्र सिंह को शामिल कर कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के अलावा राजस्थान की अन्य सभी प्रमुख जातियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिघित्व दे दिया है। अभी तक केंद्रीय मंत्रियों में ब्राह्मण, जाट, गुर्जर, मीणा जातियों का प्रतिनिघित्व था। राजपूत नेता की कमी खल रही थी। जितेन्द्र सिंह को गृह राज्यमंत्री बना कांग्रेस ने 'सोशल इंजीनियरिंग' का प्रयास किया है।
लोकसभा में कांग्रेस के छह सांसद हरीश चौधरी, लालचंद कटारिया, शीशराम ओला, डॉ.ज्योति मिर्घा, बद्रीराम जाखड़ और महादेव सिंह खण्डेला जाट समाज से हैं। इनमें से खण्डेला पहले ही जनजाति मामलों के राज्यमंत्री हैं। लोकसभा में जितेन्द्र, चंद्रेश कुमारी, इज्यराज सिंह और गोपालसिंह शेखावत चार राजपूत सांसद हैं।
इसके बावजूद एक भी राजपूत का मंत्रिमंडल में नहीं होना राजस्थान कांग्रेस की सेहत के लिए ठीक नहीं माना जा रहा था। इससे कांग्रेस आलाकमान भी खासा चिन्तित था। यही कारण था कि राजनीति के जानकार जोधपुर सांसद चंद्रेश कुमारी कटोच के नाम की अटकलें लगा रहे थे। लेकिन राहुल गांधी की यूथ ब्रिगेड के सदस्य जितेन्द्र सिंह को तरजीह दी गई।
सबसे ज्यादा प्रतिनिघित्व : ताजा फेरबदल के बाद केंद्र सरकार में राज्य के छह प्रतिनिघि बतौर मंत्री शामिल हैं। इनमें डॉ.सी.पी.जोशी व आनन्द शर्मा केबिनेट मंत्री तथा सचिन पायलट, नमोनारायण मीणा, महादेवसिंह खण्डेला व जितेन्द्रसिंह राज्यमंत्री हैं। केंद्र में प्रदेश की इतनी भागीदारी सम्भवतया कभी नहीं रही। खास बात यह है कि सरकार में महत्वपूर्ण माने जाने वाले गृह, वित्त, वाणिज्य, कपड़ा,सड़क, संचार व आदिवासी कल्याण मंत्रालयों में राजस्थान के प्रतिनिघि काबिज हैं जिससे राज्य को काफी लाभ की उम्मीद है।
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