तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 जुलाई 2011
देश के प्रेस क्लबों में शराब क्या जायज़ है
एक गरम सवाल ....देश के अधिकतम ,अधिकतम क्या सभी प्रेस क्लबों में शराब मिल बेठ कर पीने की परम्परा है और प्रेस क्लब में गेस्ट को भी अगर बुलाकर पिलाते हैं तो उसका किराया प्रेस क्लब में अतिरिक्त जमा करवाया जाता है ..बुराई के खिलाफ संघर्ष करने वाली पत्रकारों की इस संस्था प्रेस क्लब में क्या शराब रोज़ पीना जायज़ है ..क्या इसे चालु रखना चाहिए या फिर नेतिकता के नाम पर रोक देना चाहिए ...क्रप्या डरपोक ..कमजोर दिलवाले और जो लोग कांच के घरों में रहते हैं वोह इस सवाल का जवाब ना दें .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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