सोनिया से मिले मनमोहन, करुणा से प्रणव: कैबिनेट में शामिल होंगे लालू और बालू?
मारन के इस्तीफे के बाद बदले सियासी घटनाक्रम पर चर्चा के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज चेन्नई में डीएमके मुखिया एम करुणानिधि से मुलाकात की। डीएमके मुखिया से मुलाकात के बाद प्रणब ने पत्रकारों से बातचीत में साफ किया कि केंद्र में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन को लेकर कोई समस्या नहीं है। लेकिन मारन के स्थान पर किसे केंद्र में लिया जाएगा, इस बारे में तस्वीर अभी साफ नहीं हो सकी है। प्रणब ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर चुप्पी साध ली। प्रणब-करुणानिधि मुलाकात के दौरान मारन भी मौजूद थे। ऐसी संभावना है कि करुणानिधि से मुलाकात के दौरान मुखर्जी मारन के स्थान पर लाए जाने वाले व्यक्ति के बारे में उनसे उनकी पसंद पूछेंगे। डीएमके सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि करुणानिधि मारन के स्थान पर किसी को भेजने के इच्छुक नहीं हैं।
सियासी गलियारे में ऐसी चर्चा चल रही हैं कि कांग्रेस सुशासन लाने के लिए 'अवांछित' लोगों को हटाने के बारे में विचार कर रही है। ऐसी चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री टी आर बालू को इस बार कैबिनेट में जगह मिल सकती है लेकिन कांग्रेस बालू के नाम पर सहमत नहीं है। बालू पर जहाजरानी मंत्री रहते हुए धांधली के कई आरोप लगे थे। उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस पार्टी बिल्कुल नहीं चाहती कि एक दागी के हटने के बाद दूसरे दागी को कैबिनेट में जगह दी जाए। इनके अलावा रेल मंत्री का पद भी खाली पड़ा है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि पिछले दिनों लालू की सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी।
कुछ नए चेहरों को इस बार कैबिनेट में शामिल करने की उम्मीद है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पीएम मनमोहन सिंह राज्यसभा से नामित सदस्य अशोक गांगुली को अपनी कैबिनेट में शामिल करना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के कई मंत्रियों का कद बढ़ाने के बारे में भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की लंबे समय से अटकलें चल रही हैं। मंत्रिमंडल में इस समय कई पद खाली हैं। ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद से रेल और मारन के इस्तीफे के बाद से कपड़ा मंत्री के पद खाली हैं। जबकि कई मंत्रियों के पास इस समय दो मंत्रालयों के प्रभार हैं। सिब्बल दूरसंचार के साथ साथ इस समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का काम भी देख रहे हैं।
डीएमके से सांसद ए राजा के बाद अब दयानिधि मारन के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल होने के आरोपों के बाद इनके इस्तीफे से दोनों के पद खाली पड़े हैं। इनके पद खाली होने के बाद डीएमके कोटे से किसी सांसद को कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना है। उम्मीद है कि सिब्बल से दूरसंचार मंत्रालय वापस लिया जा सकता है। जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कपिल सिब्बल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बतौर टेलिकॉम मंत्री अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन को करीब 650 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। हालांकि सिब्बल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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