आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

28 जुलाई 2011

आदेश का पालन करे,नहीं तो अवमानना कार्रवाई




jaipur
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त रूख दिखाते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि पदोन्नति में री-गेनिंग मामले में तीन सप्ताह में अदालती आदेश का पालन करे, अन्यथा अवमानना कार्रवाई के लिए तैयार रहे। न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई 23 अगस्त तक टाल दी है। पदोन्नति में री-गेनिंग में उलटफेर से प्रदेश के सात लाख अघिकारी-कर्मचारियों में से करीब दो लाख अघिकारी-कर्मचारियों के प्रभावित होने की सम्भावना है।


मुख्य न्यायाधीश अरूण मिश्र व न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी की खण्डपीठ ने गुरूवार को बजरंग लाल शर्मा व सात अन्य की अवमानना याचिका पर यह सख्त रूख दिखाया। हाईकोर्ट ने पांच फरवरी 10 को री-गेनिंग मामले में दिसम्बर 02 व अपे्रल 08 में जारी सरकारी अघिसूचनाओं व उसके आदेशों को निरस्त कर दिया था। इसकी पालना नहीं होने पर दायर अवमानना याचिका पर कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले नवम्बर में रोक लगा दी थी।     

  हाल में 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना कार्रवाई पर रोक हटा दी।    इसके बाद गुरूवार को पहली बार सुनवाई के लिए लगे इस मामले में महाघिवक्ता जी.एस. बापना ने अदालती आदेश के पालन के लिए एक माह का समय मांगा, इस पर अपीलार्थी पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई। न्यायालय ने अपीलार्थी पक्ष से मौखिक रूप से कहा कि आप अघिकारियों को जेल भिजवाना चाहते हैं, लेकिन पहले आदेश का पालन कराया जाएगा।

हरकत में नहीं आया कार्मिक विभाग

पदोन्नति में री-गेनिंग के मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है, लेकिन कार्मिक विभाग ने इसके लिए फिलहाल कोई तैयारी नहींं की है। विभाग के पास यह जानकारी भी नहीं है कि किन्हें पदोन्नति मिलेगी और किन्हें पदावनति। उधर, मिशन-72 ने हाईकोर्ट के निर्देश का स्वागत किया है वहीं सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामस्वरूप विश्नोई ने भी फैसले का स्वागत करते हुए सरकार से इसे तुरंत लागू करने की मांग की।

5 फरवरी 10 - हाईकोर्ट ने पदोन्नति में री-गेनिंग रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से दिसम्बर 2002 व अपे्रल 08 में जारी अघिसूचनाओं व उसके तहत जारी वरिष्ठता सूचियों सहित सभी आदेशों को निरस्त कर दिया।
1 नवम्बर 10 - आदेश की पालना नहीं होने पर हाईकोर्ट से मुख्य सचिव व प्रमुख कार्मिक सचिव को अवमानना नोटिस
16 नवम्बर 10- सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका की सुनवाई पर रोक लगाई
7 दिसम्बर 10- सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पांच फरवरी 10 के आदेश को सही ठहराया
31 मार्च 11- राज्य सरकार ने भटनागर कमेटी का गठन किया

कैसे उपजा विवाद

राज्य सरकार ने एक अप्रेल 97 को अनारक्षित वर्ग को पदोन्नति में री-गेनिंग का लाभ दिया, लेकिन 28 दिसम्बर 02 को री-गेनिंग पर भविष्य के लिए रोक लगा दी और 25 अपे्रल 08 को दिसम्बर 02 से मिल चुके री-गेनिंग के लाभ को भी वापस ले लिया।

 आंघियां रोकनी है तो आदेश का पालन करो

अपीलार्थी पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के 20 जुलाई के आदेश की जानकारी देने का प्रयास किया, इस पर न्यायालय ने कहा कि फैसला देखने की जरूरत नहीं है यहां के अखबार बडे तेज हैं, उनसे पूरी जानकारी मिल गई है। कोर्ट ने सरकारी पक्ष से कहा कि हमें सरकार की समस्याओं की जानकारी है। यह फैसला आंधी लाने वाला है लेकिन इसकी पालना से ही आंघियां रूकेंगी और आदेश का पालन तो करना ही होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...