हाँ में
हिन्दुस्तान हूँ
हां में
विश्व के
सभी देशों में
महान हूँ
हाँ में
हिन्दुस्तान हूँ
मुझ में
जो बसते हैं नेता
जो बसते हैं इंसान
उनकी हरकतों से
उनके भ्रष्टाचार से
उनके कालेधन की जमाखोरी से
आज देखलो
में कितना परेशान हूँ
हाँ में
हिंदुस्तान हूँ
मुझ में बसने वाले
मुझमे पलने बढने वाले
देखों पढ़ लिख कर
मुझे छोड़ कर
लालच में बाहर विदेश में जाकर
गुलामी कर रहे हैं
देख लो
में फिर भी हिन्दुस्तान हूँ
मुझे में कहीं नक्सली कहीं माओवादी
कहीं खालिस्तान तो कहीं रेगिस्तान है
अपने अन्दर छुपे गद्दारों की धोखे भरी चालों से
अपने अन्दर पल बढ़ रहे
रंगा सियार राजनितिक बाजों से
आज में परेशान हूँ,में हेरान हूँ
लेकिन
देख लो
फिर भी खड़ा हूँ में अटल
क्यूंकि में हिन्दुस्तान हूँ
हाँ में हिन्दुस्तान हूँ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 जुलाई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आज मनुष्य ज़्यादा से ज़्यादा ऐश उठा लेना चाहता है और उसके लिए बहुत से लोग कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।
जवाब देंहटाएंआपकी रचना अच्छी है।
आपसे सहमत हूं।
कुछ यही कहा गया है इस लेख में
देश के दुश्मनों के लिए काम करने वाले ग़द्दारों को चुन चुन कर ढूंढने की ज़रूरत है और उन्हें सरेआम चैराहे पर फांसी दे दी जाए। चुन चुन कर ढूंढना इसलिए ज़रूरी है कि आज ये हरेक वर्ग में मौजूद हैं। इनका नाम और संस्कृति कुछ भी हो सकती है, ये किसी भी प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य हो सकते हैं। पिछले दिनों ऐसे कई आतंकवादी भी पकड़े गए हैं जो ख़ुद को राष्ट्रवादी बताते हैं और देश की जनता का धार्मिक और राजनैतिक मार्गदर्शन भी कर रहे थे। सक्रिय आतंकवादियों के अलावा एक बड़ी तादाद उन लोगों की है जो कि उन्हें मदद मुहैया कराते हैं। मदद मुहैया कराने वालों में वे लोग भी हैं जिन पर ग़द्दारी का शक आम तौर पर नहीं किया जाता।
‘लिमटी खरे‘ का लेख इसी संगीन सूरते-हाल की तरफ़ एक हल्का सा इशारा कर रहा है.
ग़द्दारों से पट गया हिंदुस्तान Ghaddar
आदमी मज़े में मौत को भूल जाता है।
जवाब देंहटाएंफ़िरंगी हो या जंगी, अंजाम भूल जाता है।।
आपकी रचना अच्छी है लेकिन कुछ सेना और पुलिस के बारे में भी बता देते तो और भी अच्छी हो जाती।
मज़ा आ गया पढ़कर और हंसी भीं.
शुक्रिया !
समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
हिंदुस्तान का ये दर्द हमारे नेता कब महसूस करेंगे ।
जवाब देंहटाएं