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16 जुलाई 2011

हाँ में हिन्दुस्तान हूँ .............

हाँ में
हिन्दुस्तान हूँ
हां में
विश्व के
सभी देशों में
महान हूँ
हाँ में
हिन्दुस्तान हूँ
मुझ में
जो बसते हैं नेता
जो बसते हैं इंसान
उनकी हरकतों से
उनके भ्रष्टाचार से
उनके कालेधन की जमाखोरी से
आज देखलो
में कितना परेशान हूँ
हाँ में
हिंदुस्तान हूँ
मुझ में बसने वाले
मुझमे पलने बढने वाले
देखों पढ़ लिख कर
मुझे छोड़ कर
लालच में बाहर विदेश में जाकर
गुलामी कर रहे हैं
देख लो
में फिर भी हिन्दुस्तान हूँ
मुझे में कहीं नक्सली कहीं माओवादी
कहीं खालिस्तान तो कहीं रेगिस्तान है
अपने अन्दर छुपे गद्दारों की  धोखे भरी चालों से
अपने अन्दर पल बढ़ रहे
रंगा सियार राजनितिक बाजों से
आज में परेशान हूँ,में हेरान हूँ
लेकिन
देख लो
फिर भी खड़ा हूँ में अटल
क्यूंकि में हिन्दुस्तान हूँ
हाँ में हिन्दुस्तान हूँ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. आज मनुष्य ज़्यादा से ज़्यादा ऐश उठा लेना चाहता है और उसके लिए बहुत से लोग कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।
    आपकी रचना अच्छी है।
    आपसे सहमत हूं।
    कुछ यही कहा गया है इस लेख में
    देश के दुश्मनों के लिए काम करने वाले ग़द्दारों को चुन चुन कर ढूंढने की ज़रूरत है और उन्हें सरेआम चैराहे पर फांसी दे दी जाए। चुन चुन कर ढूंढना इसलिए ज़रूरी है कि आज ये हरेक वर्ग में मौजूद हैं। इनका नाम और संस्कृति कुछ भी हो सकती है, ये किसी भी प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य हो सकते हैं। पिछले दिनों ऐसे कई आतंकवादी भी पकड़े गए हैं जो ख़ुद को राष्ट्रवादी बताते हैं और देश की जनता का धार्मिक और राजनैतिक मार्गदर्शन भी कर रहे थे। सक्रिय आतंकवादियों के अलावा एक बड़ी तादाद उन लोगों की है जो कि उन्हें मदद मुहैया कराते हैं। मदद मुहैया कराने वालों में वे लोग भी हैं जिन पर ग़द्दारी का शक आम तौर पर नहीं किया जाता।
    ‘लिमटी खरे‘ का लेख इसी संगीन सूरते-हाल की तरफ़ एक हल्का सा इशारा कर रहा है.
    ग़द्दारों से पट गया हिंदुस्तान Ghaddar

    जवाब देंहटाएं
  2. आदमी मज़े में मौत को भूल जाता है।
    फ़िरंगी हो या जंगी, अंजाम भूल जाता है।।
    आपकी रचना अच्छी है लेकिन कुछ सेना और पुलिस के बारे में भी बता देते तो और भी अच्छी हो जाती।
    मज़ा आ गया पढ़कर और हंसी भीं.

    शुक्रिया !
    समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape

    जवाब देंहटाएं
  3. हिंदुस्तान का ये दर्द हमारे नेता कब महसूस करेंगे ।

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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