नॉर्वे में पिछले दिनों हुई गोलीबारी में 76 लोगों की हत्या करने वाले एंडर्स बेरिंग ब्रेविक ने इस घटना को अंजाम देने के लिए ड्रग्स का सहारा लिया था। यह सनसनीखेज खुलासा किया है ब्रेविक के वकील ने। वकील का मानना है कि ब्रेविक विक्षिप्त है। आरोपी ने लोगों को मारने की बात कबूल कर ली है लेकिन यह नहीं माना है कि वह अपराधी है।
ब्रेविक ने इस घटना के बाद पूछा था कि उसे इस घटना में मारे जाने वाले लोगों की संख्या का अंदाजा नहीं है। उसने अपने वकील से कहा, मुझे बताया जाए कि मेरी गोलियों से कितने मारे गए हैं।
खुद को 'योद्धा' बताने वाले 32 साल के ब्रेविक (तस्वीर में) का मानना है कि उसने '60 साल की जंग' शुरू की है और आने वाले दशकों में उसे पश्चिमी यूरोप के 'रक्षक' के तौर पर याद किया जाएगा। उसका मानना है कि यूरोप को 'मार्क्स संस्कृति' और 'मुस्लिमों के आक्रमण' से बचाया जाना चाहिए।
ब्रेविक के वकील गीयर लिप्पेस्टाड ने कहा है कि उसके मुवक्किल ने गोलीबारी को अंजाम देने से पहले भारी मात्रा में ड्रग्स लिया ताकि ऐसी घटना को अंजाम दे सके।
ब्रेविक ने इस घटना को अंजाम देने से पहले 'ईसीए स्टैक' का भारी डोज लिया जिसमें कई नशीली चीजें मिली होती हैं। इसी वजह से वह इस घटना में मारे गए लोगों की संख्या भी भूल गया। इनमें कैफीन और एस्पिरिन के अलावा 'इफेड्राइन' नामक एक शक्तिशाली दवा भी थी जिसका इस्तेमाल एथलीट अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए करते हैं।
लिप्पेस्टाड का कहना है, 'यह पूरा मामला इस बात की ओर संकेत करता है कि वह विक्षिप्त है।' वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल ने अपना आरोप स्वीकार कर लिया है और माना है कि उसने ज्यादती की है लेकिन यह नहीं माना कि वह अपराधी है।
ब्रेविक के वकील का कहना है कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि ब्रेविक अदालती सुनवाई के दौरान खुद को विक्षिप्त मानता है कि नहीं। इस मामले की सुनवाई शुरू होने में साल भर लग सकता है। वकील का कहना है कि ब्रेविक ने बताया है कि वह इस्लाम विरोधी गुट का सदस्य है, जिसके दो सेल नॉर्वे में और कई सेल दूसरे देशों में काम कर रहे हैं। हालांकि लोगों को इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि क्या वाकई में ऐसे कोई सेल काम कर रहे हैं।
बनारस से जुड़े तार
ब्रेविक के संबंध बनारस से जुड़े थे। बनारस के एक बुनकर मोहम्मद असलम अंसारी से ब्रेविक करीब सालभर से नियमित संपर्क में था। ब्रेविक ने अपने धर्मयोद्धा संगठन के लिए वाराणसी की कंपनी से बैज बनवाए थे। उसके घोषणा पत्र में खुलासा हुआ है कि ‘बैज ऑफ द जस्टियर नाइट' के लिए ऑर्डर वाराणसी स्थित इंडियन आर्ट कंपनी को दिया था।
बीते 22 जुलाई को राजधानी स्थित एक 17 मंजिला इमारत में कार बम धमाके और उटोया द्वीप के यूथ कैंप में अंधाधुंध
गोलीबारी में 93 लोग मारे गए थे।
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