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16 जुलाई 2011

जो छोड़ गए थे, वैसे ही हाल

जो छोड़ गए थे, वैसे ही हाल

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कोटा. प्रदेश पुलिस के मुखिया पुलिस महानिदेशक हरीशचंद मीणा पिछले वर्ष 17 जुलाई को कोटा आए थे। उस समय उन्होंने यहां क्राइम मीटिंग ली थी और ब्लाइंड मर्डर को खोलने सहित कई निर्देश दिए थे। उन निर्देशों पर आज तक अमल नहीं हो सका।

टीम तो बनी पर मर्डर नहीं खुले

शहर के 6 ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाने के लिए दो अलग-अलग टीमें बनाई गई थी। कुन्हाड़ी, भीमगंजमंडी व रेलवे कॉलोनी के हत्याकांड को खोलने के लिए बनाई टीमों के काम का सुपरविजन एएसपी मुख्यालय हनुमानप्रसाद मीणा तथा वहीं दादाबाड़ी, महावीनगर व विज्ञाननगर के हत्याकांड के लिए बनाई गई टीमों का सुपरविजन एएसपी सिटी लक्ष्मण गौड़ के जिम्मे था।

ये थे निर्देश

* ब्लाइंड मर्डर खोलने के लिए विशेष दल गठित किया जाएगा जिसका काम केवल उन हत्याओं का पर्दाफाश करना होगा। जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता उन्हें दूसरा टास्क नहीं दिया जाएगा।

* थानों की स्थिति पर नजर रखने के लिए एसपी व डीएसपी को हर माह एक-एक थाने में पूरा दिन व रात बिताने के निर्देश दिए थे ताकि वहां की कार्य प्रणाली, स्टाफ का व्यवहार व आने वाले पीड़ितों की पीड़ा का पता चल सके।

* एसपी, एएसपी को निर्देश दिए थे कि वे अपने जवानों के साथ पारिवारिक व्यवहार रखें। उनके सुख-दुख में उनके घर जाएं। उन्हें चाय पर बुलाएं और उस दौरान विभागीय बातें करने की बजाय उनके परिवार के बारे में पूछताछ करें।

* अधिकारी खुद डंडे उठाने की बजाय सुपरविजन का काम करें।

ये हैं ब्लाइंड मर्डर

* दादाबाड़ी में पुजारी की हत्या।

* रेलवे कॉलोनी में महिला की हत्या।

* विज्ञाननगर में हत्या कर धड़ फेंकने का मामला।

* बैराज के निकट अधेड़ की हत्या।

* भीमगंजमंडी में हुई युवक की हत्या।

* विज्ञाननगर में युवती की हत्या कर शव फेंकने का मामला।

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