खुद पर केरोसिन डालकर दुकान पर चढ़ा दुकानदार
कोटा। विज्ञान नगर इलाके में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार खुद पर केरोसिन डालकर दुकान की छत पर चढ़ गया और आत्महत्या की धमकी दे डाली। बाद में अधिकारियों ने उसे समझाकर वापस उतार लिया। पुलिस ने उसे शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। वहीं नगर विकास न्यास के तहसीलदार ने उसके खिलाफ आत्महत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज कराया है।
129 दुकानदारों का पुनर्वास
गौरतलब है कि नगर विकास न्यास ने राजीव प्लाजा योजना में 129 दुकानदारों का पुनर्वास किया है। इसके तहत यहां अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है। अंतिम सात दुकानों को हटाने के लिए शुक्रवार को नगर विकास न्यास का दस्ता विज्ञान नगर पहुंचा। दस्ते के अधिकारियों ने जब मोबाइल एसेसरीज के विक्रेता हर्ष टाक से दुकान का सामान हटाने को कहा तो उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पहले उसे राजीव प्लाजा योजना में दुकान दी जाए, उसके बाद ही वह अतिक्रमण हटाने देगा।
गौरतलब है कि नगर विकास न्यास ने राजीव प्लाजा योजना में 129 दुकानदारों का पुनर्वास किया है। इसके तहत यहां अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है। अंतिम सात दुकानों को हटाने के लिए शुक्रवार को नगर विकास न्यास का दस्ता विज्ञान नगर पहुंचा। दस्ते के अधिकारियों ने जब मोबाइल एसेसरीज के विक्रेता हर्ष टाक से दुकान का सामान हटाने को कहा तो उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पहले उसे राजीव प्लाजा योजना में दुकान दी जाए, उसके बाद ही वह अतिक्रमण हटाने देगा।
न्यास के अधिकारियों द्वारा इनकार करने पर हर्ष नाराज होकर केरोसिन से भरी पीपी लेकर दुकान के ऊपर चढ़ गया और खुद पर तेल डालकर जान देने की धमकी देने लगा। इससे वहां हंगामा हो गया। आसपास के दुकानदार एकत्र हो गए। बाद में विज्ञान नगर थानाधिकारी संजय शर्मा ने समझाकर उसे नीचे उतारा। इस बीच युवक के साथ उसके परिजन भी अड़ गए कि दुकान दी जाए।
न्यास के उप सचिव आनंदी लाल वैष्णव ने मौके पर ही फाइलें मंगवा कर बताया कि युवक के परिवार को मुरलीधर और रामावतार के नाम से दो दुकानें पहले ही दी जा चुकी हैं। ऎसे में एक ही परिवार में तीन दुकानें नहीं दी जाएगी। उन्हाेंने बताया कि युवक का नाम सर्वे में भी शामिल नहीं है।
दो बार याचिका खारिज
युवक ने कुछ लोगों के साथ उच्च न्यायालय में एकलपीठ और खंड पीठ में दो बार याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों ही बार उसकी याचिका खारिज हो गई। बाद में न्यास ने उसकी दुकान नहीं हटाई।
युवक ने कुछ लोगों के साथ उच्च न्यायालय में एकलपीठ और खंड पीठ में दो बार याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों ही बार उसकी याचिका खारिज हो गई। बाद में न्यास ने उसकी दुकान नहीं हटाई।
सार्थक प्रस्तुति .आभार
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