कोटिया भील का किला बनेगा पर्यटन स्थल
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कोटा. अकेलगढ़ किले को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। सोमवार को इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करने के बाद पर्यटन मंत्री बीना काक ने यह जानकारी दी। अकेलगढ़ किला राजा कोटिया भील के राज्य की राजधानी था। उन्होंने बताया कि रॉयल व्हील्स का बूंदी में ठहराव अगले साल से हो जाएगा। साथ ही डूंगरज्या के कमल सरोवर के लिए 50 लाख और 45 किलोमीटर दूर स्थित नवीं-दसवीं शताब्दी में निर्मित बाड़ौली मंदिर समूह के ऐतिहासिक स्थल के लिए 30 लाख रुपए राज्य सरकार ने स्वीकृत किए हैं। पर्यटन मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि कोटिया भील की ऐतिहासिक स्थली रमणीक है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सांसद इज्यराज सिंह, गृहमंत्री शांति धारीवाल एवं पंचायतरीराज मंत्री भरत सिंह से भी विचार विमर्श किया जाएगा।
कौन था कोटिया भील
अकेलगढ़ किले से 747 साल पहले कोटिया भील अपना शासन चलाता था। यह भीलों के आधिपत्य का क्षेत्र था, जिनका अंतिम मुखिया कोटिया भील था। बूंदी राज्य के तत्कालीन शासक राव समर सिंह के पुत्र राजकुमार जैत सिंह ने सन 1264 ईस्वी में कोटिया भील और उसके साथियों को मारकर अकेलगढ़ किले पर कब्जा कर लिया था। इतिहास बताता है कि युद्ध में बूंदी की सेना के छक्के छुड़ाने वाले अपराजित कोटिया भील को धोखे से मारा गया था। जैतसिंह ने कोटिया भील के नाम से कोटा की नींव रखी थी। टिपटा चौराहे के पास स्थित गढ़ महल के मुख्य प्रवेश द्वार के पास कोटिया भील का थानक बना हुआ है, जिसकी आज भी पूजा होती है।
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