आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

15 जुलाई 2011

यह तुम क्या कहते हो .........

हाँ
तुम ही बताओं
बार बार
मुझ से तुम
यह क्या कहते हो ......
कहते हो
इमानदार बनो
कहते हो
सीधे सज्जन बनो
कहते हो
भ्रष्टाचार से बचो ..
तुम खुद जानते हो
हम कहां और किस हाल में जी रहे है
हम किन नेताओं के जिम्मे
अपना देश चलवा रहे हैं ..
तुम जाते हो
तुम्हारी यह सिक्ख हमें
इस जिंदगी में
पिछड़ा दुरे दर्जे का नागरिक बना देगा
फिर भी तुम ही बताओं
तुम यह सिक्ख हमें
क्यूँ और किस लियें देते हो
एक तरफ तो
दुदो फलो पूतो नहाओ
कामयाब आदमी बनो की दुआएं देते हो
और दूसरी तरफ ऐसी सिक्ख देते हो
तुम्ही बताओं ऐसा क्यूँ और किसलियें
इन हालातों में तुम
मुझसे कहते हो
तुम कहते हो तो कहते रहो
मुझे तो तरक्की करना है
मुझे तो देश की नेता गिरी करना है
बस इसीलियें
में तुम्हारी बात
इस कान से सुनता हूँ
और दुसरे कान से निकाल देता हूँ .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...