आतंकवाद में साम्प्रदायिकता के कारण बढ़ रहा है आतंकवाद यह बात चाहे आपको अटपटी से लगे लेकिन हमारे भारत में कुछ साम्प्रदायिक राष्ट्रविरोधी ताकतों ने आतंकवाद को एक धर्म और एक जाती से जोड़ कर दुष्प्रचार किया है ..हमारा देश अगर इस दुष्प्रचार को छोड़ कर अगर इस देश के आतंकवाद से निपटने की कोशिश करता तो शायद आज हमारा भारत आतंकवाद मुक्त होता ..कोई भी अपराध ..कोई भी आतंकवाद प्रायोजित नहीं होता किसी ना किसी गलती या फिर प्रतिकार का नतीजा होता है पुराने कार्यकाल में बीहड़ और जंगलों में डाकुओं की फसल जागीरदारों और राजा महाराजों महाजनों के अत्याचार ने ही उगाई थी आज उसी का दुसरा आधुनिक रूप आतंकवाद हो गया है ..आतंकवाद से निपटने में हमारी स्थति शतुरमुर्ग की तरह रही है जो रेट के ढेर में अपना मुंह छुपा कर सोचता है के उसने दुश्मन से खुद को बचा लिया है बस इसी तरह से नाथूराम गोडसे के आतंकवाद से ही आतंकवाद का धार्मिक वाद पैदा हो गया और किसी भी घटना के लियें पुरे धर्म पूरी जाती पुरे समाज को प्रताड़ित किया जाने लगा सरकार ने कभी भी आतंकवाद के कारणों की खोज कर उनके निवारण का कोई प्रयास नहीं किया कहीं न कहीं आतंकवाद को राजनितिक शाह भी बनी रही ..धर्म के नाम पर आतंकवाद को पनपाया गया आरोप प्रत्यारोप लगाकर आतंकवाद की समस्या से निपटने से बचा गया आज नतीजा यह के देश में किसी के घर बम फटता है तो अगर वोह हिन्दू होता है तो हिन्दू आतंकवाद का नतीजा बताया जाता है अगर वोह मुस्लिम होता है तो मुस्लिम आतंकवाद का नतीजा बताया जाता है नहीं तो सिक्ख आतंकवाद बता दिया जाता है अगर कुछ समझ में नहीं आये तो आई एस आई और पाकिस्तान , दाउद इब्राहिम का हाथ बता दिया जाता है कुल मिलाकर हम आतंकवाद के कारण और निवारण की जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं हमारे देश में चिन्तक,विचारक , शोधकर्ता हैं जो इस समस्या की जांच पढ्ताल और खोज कर नयी रिपोर्ट दे सकते हैं ..हमारे देश में आज माओवादी ..नक्सली ..कश्मीरी ...लिट्टे और दुसरे आतंकवादियों की घटनाओं को देख कर यह आवश्यक हो गया है के देश में एक आतंकवाद समीक्षा कारण और निवारण मंत्रालय हो इसका प्रथक से मंत्री हो जो सभी प्रकार के आतंकवाद उसके कारण और निवारण के कारणों का पता लगाकर इसे जड़ से खत्म करने के लियें कार्यवाही करे तब कही इस मामले को गंभीरता से सुलझाया जा सकेगा वरना भाजपा कोंग्रेस हिन्दू मुस्लिम सिक्ख लिट्टे विचारधारा में यह आतंकवाद सदियों तक हमारे देश और देश की सुक्ख शान्ति की साँसें बंद कर देगा यह एक गंभीर प्रश्न है यदि आप भी इस विचार को के देश में आतंकवाद शोध..मामलात कारण और निवारण मंत्रालय स्थापित होना चाहिए जो गंभीरता से कार्य करे से सहमत है तो प्लीज़ राष्ट्रहित में इसे आगे बढ़ाएं इस विचार के पक्ष में मतदान कर इसे जाग्रति अभियान के तहत सरकार तक पहुंचा कर इसकी पालना के लियें सरकार को मजबूर करे और इस देश को बढ़ा ले ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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