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02 जुलाई 2011

डॉक्टरों की हड़ताल कलंक

डॉक्टरों की हड़ताल कलंक


ashok g

जयपुर। वेतन सम्बंधी मांगों को लेकर प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुचित बताया है। उनका कहना है कि हड़ताल करना और मरीज नहीं देखना डॉक्टरी पेशे पर कलंक है। शिक्षा विभाग के राज्यस्तरीय नामांकन अभियान का शुभारम्भ करने बढ़वाली ढाणी पहुंचे मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी व्यक्ति को जिंदा रखना या मारना, ईश्वर के हाथ है लेकिन यदि डॉक्टरों के नहीं देखने से कोई मर जाए या मरीज का इलाज नहीं हो तो इससे बड़ा क्या कलंक होगा।



 डॉक्टरों को अपना धर्म और कर्तव्य निभाने की नसीहत देते हुए गहलोत बोले कि यदि उनकी नाराजगी राज्य सरकार से है तो कोई दिक्कत नहीं है। कम से कम मरीज को देखने में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। डॉक्टरों को समझना चाहिए कि उनकी हड़ताल से जनता को तकलीफ होती है। जब जनता के स्वास्थ्य का मामला हो तो मानवीय दृष्टिकोण से काम करना चाहिए। हड़ताल में कहीं और उनके परिवार का कोई सदस्य भी बीमार हो सकता है, उसे भी तकलीफ हो सकती है।
 काली पट्टी बांधें, सरकार समझ जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल करने के बजाय काली पट्टी बांध कर काम करना शुरू कर दें, सरकार इसे गंभीरता से लेगी और उनकी समस्याओं का निस्तारण होगा। राज्य में अच्छी परम्परा रही है। चिकित्सकों की पहले की मांग मानी गई है।
 उनकी मांगों पर विचार के लिए तीन मंत्रियों की समिति बनाई गई है, वह देख रही है कि अन्य क्या सुविधाएं देनी है, हमारे यहां क्या कमी है? कुछ राज्यों में हम आगे हैं, कुछ में पीछे। ये तमाम बातें देखनी पड़ती हैं। इनका समाधान निकाला जाएगा। मालूम हो, प्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकारी डॉक्टर गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहे थे।

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