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08 जुलाई 2011

अभी बाहर नहीं आएगा मंदिर के छठे तहखाने का तिलिस्म

अभी बाहर नहीं आएगा मंदिर के छठे तहखाने का तिलिस्म

 

 
 
 
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नई दिल्‍ली/तिरुअनंतपुरम. केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के खजाने का रहस्य अभी पूरी तरह सामने नहीं आ सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर का आखिरी और छठा तहखाना खोले जाने पर आज रोक लगा दी है। अब तक खुले पांच तहखानों में से करीब 1 लाख करोड़ की संपत्ति मिलने का अनुमान है। माना जा रहा है कि आखिरी तहखाने में सबसे ज्यादा कीमती सामान है। इसी बीच मंदिर में मिले खजाने की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है।
इस मंदिर का संचालन करने वाले ट्रस्‍ट की जिम्‍मेदारी संभाल रहे त्रावणकोर के शाही खानदान ने छठवें तहखाने को खोले जाने को लेकर आपत्ति जताई थी। इनका कहना है कि इस तहखाने को खोलने से अपशकुन का डर है। कोर्ट ने छठे तहखाने को खोले जाने पर रोक लगाने का फैसला सुनाते हुए शाही परिवार और केरल सरकार से इस बारे में सलाह भी मांगी है। जस्टिस आरवी रविंद्रन और जस्टिस एके पटनायक की बेंच ने याचिकाकर्ता मार्तंड वर्मा से मंदिर की सुरक्षा और पवित्रता को लेकर सुझाव मांगे हैं। वर्मा की तरफ से दलील देते हुए, वकील केके वेणुगोपाल ने साफ किया कि मंदिर जनता की संपत्ति है और राज परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी खजाने पर अपना दावा पेश नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज परिवार का मानना है कि इस संपत्ति के मालिक भगवान पद्मनाभ स्वामी हैं।
कुछ महीनों पहले राज्य सरकार ने मंदिर का प्रबंधन अपने हाथों में लेने का निर्णय लिया था।  इस निर्णय से हाई कोर्ट ने भी अपनी सहमति जताई थी। लेकिन मंदिर प्रबंधन का काम देख रहे त्रावणकोर राजसी परिवार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया गया। हालांकि कोर्ट ने तहखाने खोलकर खजाना निकालने के लिए पूर्व हाई कोर्ट जस्टिस के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया। मामले की बुधवार को सुनवाई हुई थी और आज फिर इस पर सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने निर्देश में केरल सरकार से खजाने की सुरक्षा को लेकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने त्रावणकोर के राजपरिवार से भी इस पर सलाह मांगी है कि वहां तस्वीरें खींचने और वीडियोग्राफी किए जाने से परंपरा का कोई उल्लंघन तो नहीं होता है। कोर्ट ने मंदिर की धार्मिक आस्थाओं को लेकर भी जानकारी मांगी है। कोर्ट इस खजाने को म्यूजियम में रखे जाने पर भी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) और राष्ट्रीय संग्रहालय के अफसरों से भी राय ले रहा है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि कुछ लोग, बिना प्रमाणिकता के खजाने की कीमत के बारे में बातचीत कर रहे हैं। कोर्ट ने खजाना निकालने की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए थे। कोर्ट ने खजाने के मालिकाना हक को लेकर उठे विवाद पर भी गंभीर चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले राज परिवार से सदस्य ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी कि खजाने को निकालने वाले कुछ सदस्य इसकी कीमत को सार्वजनिक कर रहे हैं।
मंदिर के सभी तहखानों को ए से एफ तक बांटा गया है। बी नंबर का तहखाना आज खोला जाना था। इसकी पूरी तैयारी भी कर ली गई थी। पूरे देश दुनिया की नजरें इस ओर हैं कि आखिर छठे तहखाने में क्या छिपा हुआ है। मंदिर के आसपास इस समय देश और विदेश के कई जाने माने अखबारों और न्यूज चैनलों के संवाददाता डेरा डाले हुए हैं।
क्या चाबी गुम गई है?
चर्चा यह भी है कि इस तहखाने की चाबी भी गुमी हुई है। सूत्रों ने दावा किया कि मंदिर प्रबंधन और सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त की गई कमेटी इसके लिए स्थानीय कारीगरों को बुलवाकर डुप्लिकेट चाबी बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि इस तहखाने में विशेष तरह के ताले बने हुए हैं और प्रबंधन इन्हें तोड़ना नहीं चाहता।
सुरक्षा के लिए एक करोड़  
मीडिया में तहखाने से मिली चीजों की कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा बताई जा रही है। लेकिन केरल के पूर्व मुख्‍य सचिव सीपी नायर ने दावा किया है कि खजाना करीब पांच लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। नायर ने मंदिर की सुरक्षा आर्मी के कमांडो के हवाले किए जाने का भी सुझाव दिया है। केरल सरकार ने इसी बीच कहा है कि वे मंदिर की सुरक्षा पर करीब एक करोड़ रुपए खर्च करेंगे। इसी बीच पुलिस ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने को लेकर राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भी सौंपा है।
आपकी बात
मंदिर के अकूत खजाने पर आपकी क्‍या राय है? क्या खजाने की सुरक्षा के लिए तत्काल कड़े कदम नहीं उठाए जाने चाहिए?  क्या खजाने के हक पर विवाद करने के बजाए, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा नहीं की जानी चाहिए? इन मुद्दों पर आप भी दे सकते हैं अपनी राय।

2 टिप्‍पणियां:

  1. जिंदगी एक शगल है,
    कई चीज़ों में दखल है !

    इधर उधर जो ढूँढते,
    ख़ुशी तुम्हारे बगल है !..................

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