तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 जुलाई 2011
एक बकरा जो नोट खाता था ...............
जी हाँ दोस्तों आप माने या ना माने लेकिन यह सच है कोटा में एक पालतू बकरा ऐसा था जो नोट खाता था .....एक बकरा जो कई बार अपने धनि की घर में घुस कर इधर उधर रखे नोट ढूंढ़ कर खाने लगा तब धनि परेशान हो गया और इस बकरे को मजबूत रस्सी से खूंटी गाढ़ कर बांध दिया ...लेकिन कल रात को इस बकरे ने नोटों की तलाश में रस्सी तुड़ाई और फिर निकल पढ़ा नोटों की तलाश में ..छत पर बने एक कमरे में इस बकरे को कांच की एक बरनी में नोट रखे दिखाई दिए बस बकरे ने उछाल लगाई और कांच की बरनी को नीचे गिरा दिया ...कांच की बरनी थी इसलियें टूट गयी और बरनी में रखे पचास हजार रूपये यह बकरा खा गया सुबह जब घरवाले उठे तो बकरा गायब था तलाश किया तो बकरा छत पर था ..बरनी टूटी हुई थी और नोट गायब धनि बकरे को देख कर माजरा समझ गए और उन्होंने समझ लिया के बकरे मियाँ नोट खा गए है ..बस फिर क्या था धनि ने इस बकरे को पकड़ा और सीधे कसाई के यहाँ ले गए ..कसाई को सारा किस्सा सुनाया बकरे को ओने पोने इस शर्त पर बेचा गया के बकरा उनके सामने काट कर देखेंगे अगर पेट में रूपये मिले तो वोह वापस देना होंगे ..बकरे को काटा गया उसके पेट से हजार हजार के १२ नोट सलामत निकले ..चार नोट थोड़े गले हुए थे ...दो नोट खत्म हो गए थे बाक़ी नोटों का पता नहीं चला ..खेर इस नोट खाने वाले बकरे को अपनी इस आदत के खातिर जान गंवाना पढ़ी और मालिक को नुकसान उठाना पढ़ा फिर भी मालिक जो रूपये मिल गए उन्हें पाकर ही बहुत खुश था .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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बहुत ही अच्छा लगा पढ़ कर!
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