तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 जुलाई 2011
आज शबे बरात यानी इबादत की रात है
दोस्तों हिन्दू सनातन धर्म में श्राद्ध और मुस्लिम धर्म में शबेबरात करीब एक ही तरह के मिलते जुलते त्यौहार है इस दिन मुस्लिम भाई अपने पूर्वजों की रूह कीइच्छित खाद सामग्री बनाते है और फातिहा दिलवाते है ..दूसरी बात यह है के इसी दिन मुस्लिम भाइयों के हिसाब किताब की रात होती है गुनाह और सवाब के खाते खुलते हैं पुराने खाते बंद होते है और इस दिन और रात को इबादत की रत होती है रोज़े रखे जाते हैं अपने गुनाहों की माफ़ी मांगी जाती है ..तो दोस्तों शबेबरात के इस त्यौहार पर में भी अप सभी भाई बहनों से मेरी गुस्ताखियों और नादानियों की माफ़ी चाहता हूँ उम्मीद है आप मुझे माफ़ करेंगे ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मुबारक हो आज की मुक़द्दस रात !
जवाब देंहटाएं