आपका-अख्तर खान

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23 जुलाई 2011

teri zulfon ko

तेरी जुल्फों को
अगर यूँ ही
तू संवारती रहे
सच
मेरे दिल की
आवाज़
तुझे यूँ ही
पुकारती रहे ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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