गुरुवार को कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष एन हेगड़े ने कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन के मामले में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए हैं। उन्होंने इसे व्यापक स्तर पर चल रहा अपराध बताते हुए कहा कि मार्च २००९ से मई २०१० के बीच के समय में ही करीब १८०० करोड़ रुपए का अवैध उत्खनन हुआ है और यह सरकारी खजाने का नुकसान है। उन्होंने साफ किया कि करीब ४,००० से ज्यादा पेजों की इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री, मंत्री और अवैध उत्खनन में लगे अन्य व्यक्तियों के खिलाफ उन्होंने ठोस रिपोर्ट पेश की है।
उन्होंने साफ किया कि यह एक बड़ा रैकेट है, जो इस काम में लगा हुआ है। इसके लिए मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि बेल्लारी, जो अवैध खनन का मुख्य केंद्र है, के प्रभारी मंत्री जी जनार्दन रेड्डी हैं, जो खुद माइनिंग कंपनी चलाते हैं। लोकायुक्त ने कहा कि जिले में माफिया राज जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस माफिया में कई अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे रिपोर्ट सोमवार को सौंपेंगे और इसके लीक होने से रिपोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद के अनुसार अब मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक दायित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के जानकारी पहले ही जनता को है, लेकिन लोकायुक्त ने इसकी फिर एक बार पुष्टि की है। उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर भी हमला बोला और कहा कि यह सब उन्हीं के संरक्षण में चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को पता है कि मुख्यमंत्री अवैध उत्खनन में लिप्त हैं और इसीलिए पार्टी के वरिष्ट नेता धनंजय कुमार ने लोकायुक्त से मिलकर मुख्यमंत्री का नाम रिपोर्ट से हटाने को कहा था।
येदियुरप्पा के बेटे और दामाद का भी नाम
सूत्रों के मुताबिक बीएस येदियुरप्पा के बेटे और दामाद का भी इस रिपोर्ट में नाम है। हेगड़े ने कहा कि एक खनन कम्पनी ने येदियुरप्पा परिवार के ट्रस्ट को को 10 करोड़ रूपए दान दिए है।
इस रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री तथा जद-एस नेता एचडी कुमारस्वामी तथा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अनिल लाड की भूमिका की भी जांच की सिफारिश की गई है। हालांकि, न्यायमूर्ति हेगड़े ने सिफारिशों के बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया। बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि जिन चार मंत्रियों के इस रिपोर्ट में नाम हैं, वे हैं जी जनार्दन रेड्डी, जी करुणाकर रेड्डी, बी श्रीरामुलु और वी. सोमन्ना।
हेगड़े ने कहा,‘मेरी रिपोर्ट लीक हुई है। लेकिन मुझे भरोसा है कि यह किसी अंदरूनी व्यक्ति का काम नहीं है। निश्चित तौर पर ऐसे लोग हैं जो बाहर से दिलचस्पी रखते हैं। वे जरूर नजर रख रहे होंगे।’
उन्होंने राज्य में अवैध खनन की दूसरी और अंतिम रिपोर्ट के संदर्भ में कहा, ‘मेरी रिपोर्ट प्रकाशित तक नहीं हुई है। एक या दो दिन में मैं उसे सौपूंगा।’ कहा जा रहा है कि हजारों पृष्ठों वाली इस विस्तृत रिपोर्ट में सीबीआई और आयकर विभाग से मिली जानकारी को भी शामिल कि या गया है। इन दोनों विभागों ने भी राज्य में अवैध खनन के मुद्दे की जांच की थी।
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या लोकायुक्त ने इन वरिष्ठ नेताओं को ‘दोषी’ ठहराया है। हालांकि, निश्चित तौर पर रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि इन नेताओं की भूमिका की ‘आगे की जांच करना जरूरी है।’ उधर भाजपा का कहना है कि लोकायुक्त कि रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है।
मेरा फोन टेप हो रहा है: हेगड़े
कर्नाटक के लोकायुक्त और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस संतोष एन. हेगड़े ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि उनका टेलीफोन टेप किया जा रहा था। जस्टिस हेगड़े का कहना है कि प्रणब मुखर्जी के दफ्तर में कथित तौर पर की गई जासूसी के बाद उन्होंने अपने दफ्तर की जांच करने के लिए पेशेवर को बुलाया था। उनके मुताबिक पेशेवर का कहना है कि उनका टेलीफोन टेप किया जा रहा था। फोन पर मेरी बातचीत दो जगहों पर रिकॉर्ड की जा रही थी। लेकिन हेगड़े ने यह भी कहा कि वह इस मामले में कौन, कहां, किसने को लेकर कोई बयान नहीं देना चाहते हैं। हेगड़े का कहना है कि उन्होंने टेलीफोन टेप किए जाने की बात पिछले तीन-चार महीने में नोटिस की है।
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