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27 जुलाई 2011

भाजपा बोली कुर्सी छोड़ो, सीएम बोले एमएलए मेरे साथ , येद्दियुरप्पा की छुट्टी आज!

 
 
नई दिल्ली भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस चौतरफा घेरने के उद्देश्य से आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार देर सायं कर्नाटक में खनन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा को हटाने का फैसला किया है। उधर, येद्दियुरप्पा का दावा है कि पार्टी के विधायक उनके साथ हैं।

भाजपा के आला नेताओं ने बुधवार को कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में येद्दियुरप्पा पर लगे आरोपों पर गंभीर विचार-विमर्श के बाद ये निर्णय लिया है। बुधवार देर रात तक येद्दियुरप्पा के दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हें इससे अवगत कराया गया, जबकि निर्णय की घोषणा वीरवार को कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक के बाद की जाएगी। इस निर्णय यह बात स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है और येद्दियुरप्पा के जाने के बाद भाजपा दिल्ली में सत्ता प्राप्त करने के लिए इसे अपना प्रमुख हथियार बनाएगी। भाजपा नेताओं का मानना था कि तमाम घोटालों से जूझ रही कांग्रेस से निपटने के लिए वह दोहरी नीति के साथ जनता के समक्ष नहीं जा सकती।

उधर, कर्नाटक के लिंगायत येद्दियुरप्पा की गहरी पैठ के चलते यह माना जा रहा कि भाजपा ने उनके जाने से होने वाले किसी भी नुकसान से निपटने इरादा बना लिया है। पिछले कई विधानसभा चुनावों में येद्दियुरप्पा भाजपा के लिए जिताऊ उम्मीदवार साबित हुए थे। काफी दिनों तक मुख्यमंत्री को लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी रहने के बाद राष्ट्रीय स्तर की राजनीति के लिए भाजपा ने उन्हें हटाने में ही भलाई समझी। हाल ही में राज्य में खनन को लेकर हो रहीं अनियमितताओं पर आई लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों पर हुए बवाल ने कहीं न कहीं भाजपा को निर्णय लेने को मजबूर कर दिया।


अवैध खनन: लोकायुक्त ने रिपोर्ट सौंपी

कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े ने अवैध खनन मामले में बुधवार को 25,228 पेजों की अपनी फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा नहीं है कि राज्य सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई करेगी। साथ ही उन्होंने राज्यपाल से कार्रवाई की उम्मीद जताई। जस्टिस हेगड़े ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अवैध खनन मामले की पहली अंतरिम रिपोर्ट दिसंबर 2008 में सौंप दी थी। लेकिन इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस रिपोर्ट के बाद कर्नाटक का राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को दिल्ली तलब किया है। फाइनल रिपोर्ट के मुताबिक 2006 से 2010 के बीच अवैध खनन के कारण प्रदेश के राजकोष को 16,085 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने इस रिपोर्ट के तथ्यों के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।

रिपोर्ट में क्या:
-राज्य में अवैध खनन के लिए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, चार कैबिनेट मंत्री

-पूर्व मुख्यमंत्री जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी

-500 अधिकारी जिम्मेदार

-एक कंपनी ने येदियुरप्पा परिवार के एक ट्रस्ट को एक करोड़ की जमीन खरीदने के लिए 20 करोड़ रुपए दान में दिए

हेगड़े बोले:

-सुप्रीम कोर्ट ने यदि रिपोर्ट मांगी तो सौंप दी जाएगी

-शीर्ष अदालत को कोई और भी दे सकता है रिपोर्ट

-लौह अयस्क प्रतिबंधित करने पर जोर, देश को कोई फायदा नहीं

-अयस्क निर्यात से सिर्फ निर्यातक कंपनियों को फायदा

-रिपोर्ट का लीक होना परीक्षा पत्र लीक होने जैसा नहीं, यह भी नहीं कि रिपोर्ट का महत्व खत्म हो गया है

-जब रिपोर्ट के लीक होने की बात आती है, तो कड़वाहट का अहसास होता है, वैसे नहीं



इसलिए राज्यपाल से उम्मीद

जस्टिस हेगड़े ने कहा कि इस रिपोर्ट पर राज्यपाल को कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने इसीलिए राज्यपाल को भी इसकी प्रति सौंपी है, क्योंकि येदियुरप्पा परिवार के ट्रस्ट को एक कंपनी व उसकी दो सहयोगी कंपनियों द्वारा दिया गया दान प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत अपराध है।

जांच करने वालों को खतरा
जस्टिस हेगड़े ने कहा, ‘जांच में शामिल लोकायुक्त कार्यालय के पांच अधिकारियों को संभावित खतरे के बारे में भी रिपोर्ट में आगाह किया गया है। हालांकि मैंने यह नहीं कहा है कि उन्हें पहले से खतरा है। इन अधिकारियों ने अवैध कार्यो की जांच करके कुछ लोगों को नाराज कर दिया है और उनका भविष्य खतरे में पड़ने की आशंका है।’

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