समाचार एजेंसी 'आईआरएनए' के मुताबिक मजलिस ऊर्जा आयोग के प्रवक्ता एमाद हुसैनी ने कहा, "भारत पर ईरान का 7.9 अरब डॉलर का कर्ज है। यह कर्ज भारत द्वारा पहले ही खरीदे गए कच्चे तेल का है। इसमें से 4.8 अरब डॉलर का भुगतान अभी किया जाना है और शेष बाद में होना है।"
हुसैनी ने कहा कि उनके देश में कुछ समूहों का मानना है है कि जहां तक तेल और गैस परियोजनाओं का सवाल है चीन ईरान का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी है।
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