'पापा और भैया के लिए यह तूने क्या कर डाला मंपी'
नादिया (पश्चिम बंगाल). कहते हैं परिवार की जिम्मेदारी बड़े ही उठाते हैं। आगे बढ़कर जिम्मेदारी निभाने के लिए बड़े क्या से क्या कर देते हैं। लेकिन यहां तो एक 12 साल की बच्ची ने अपने परिजनों के लिए वह किया जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
12 साल की मंपी से परिवार के लोगों ने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन सभी परेशान थे। मंपी को यह जानकारी हो गई थी कि उसके बीमार पिता की आंखों की रोशनी जा रही है। दुख इतना ही नहीं था उसके भाई की किडनी भी खराब थी। अब परिजनों के लिए आंख और भाई के लिए किडनी की व्यवस्था करना संभव नहीं था।
परिवार की परेशानी को कैसे हल किया जाए। इसकी चिंता में डूबी रहती थी मंपी। आखिरकार उसने अपनी जिंदगी खत्म कर समस्या का समाधान निकाला। उसकी योजना के मुताबिक उसकी मौत के बाद दहेज का पैसा बच जाएगा और उसके अंग बीमार बाप और भाई के काम आ जाएगा। लेकिन कुदरत को तो कुछ और ही मंजूर था। मंपी द्वारा अपनी मां को लिखा गया यह पत्र उसके अंतिम संस्कार के बाद परिवार वालों को मिला।
मंपी के पिता मृदुल सरकार दिहाड़ी मजदूर हैं। मृदुल सरकार ने बताया कि सुसाइड नोट को उसकी मौत के अगले दिन पाया गया। उसका अंतिम संस्कार 27 जून को किया गया।
स्थानीय धनतल पंचायत के प्रधान तपस तरफदार ने बताया कि मंपी ने अपनी बहन मनिका के साथ खुदकुशी करने पर चर्चा की ताकि उनके अंग पिता और भाई के काम आ सके। हालांकि मनिका ने इस विचार को खारिज कर दिया और स्कूल चली गई जिसके बाद मम्पी ने खुदकुशी करने का फैसला किया।
afsosjanak ghatna.............
जवाब देंहटाएंओह ! बहुत ही दुखद.
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