लोग कहते हैं
हाँ लोग कहते हैं
उन्हें मुझ से
मुझे उनसे प्यार है ..
यकीन मानिए
में भी सोचता हूँ
खुदा करे
लोगों की यह सोच
जल्दी से सच साबित हो ..
लेकिन
ऐसा नसीब हमारा कहाँ
सच तो यही है
आज तक
जब भी मिले हैं हम
ना नज़र उनकी उठी
ना नज़र हमारी उठी
बस नजदीक से निकल जाने पर
एक खुशबु , एक अहसास
हर बार
वोह छोड़ कर जाते हैं
और कई दिनों तक
नींद हमारी उढ़ा जाते हैं ....................
फिर भी
ना जाने
लोग क्यूँ और किस्लियें
कहते हैं
उन्हें हमसे
हमें उनसे प्यार हैं .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 जुलाई 2011
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बहुत खूब...
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