11 फरवरी 97 को पेड़ से गिरने के कारण १३ वर्षीय योगेश के दाएं हाथ की हथेली की हड्डियां बाहर आ गई थीं। उसे दीप अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हड्डी सैट नहीं होने के कारण प्लास्टर नहीं किया गया और घाव को ही साफ किया। 12 व 13 फरवरी को घाव को साफ कर कच्चा प्लास्टर बांध दिया। 14 फरवरी को डॉक्टर ने प्लास्टर हटाया तो वहां पर गैंगरीन (मांस का सड़ाव) होना पाया। इसके बाद उसे एसएमएस अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों को उसका हाथ काटना पड़ा।
आयोग ने कहा कि यह मामला दीप अस्पताल व डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही का है। प्रार्थी व उसके परिजनों को हुई मानसिक व आर्थिक क्षति की भरपाई संभव नहीं है।
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