‘एसरटेनिंग साइज आफ करप्शन इन इंडिया विद रेस्पेक्ट टू मनी लांडरिंग’ नामक इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 2000 से 2009 के बीच में मनी लांडरिंग के द्वारा भारत से 1886 हजार करोड़ रुपए भारत से बाहर भेज दिया गया। जीडीपी के आधार पर यदि इस पैसे का आकलन किया जाए तो इसमें सबसे ज्यादा 1555 हजार करोड़ रुपए भ्रष्टाचार के जरिए आया। पुणो की संस्था इंडिया फोरेंसिक जालसाजी, सुरक्षा, जोखिम प्रबंधन जैसे कई मामलों में सीबीआई की मदद करती है।
कैसे किया अध्ययन : जोशी मॉडल पर आधारित यह रिपोर्ट प्रॉपर्टी रिकवरी, क्राइम और जीडीपी के आधार पर तैयार की गई। एंटी फ्रॉड और मनी लांडरिंग विशेषज्ञ मयूर जोशी का कहना है कि इन तीन मॉडल्स से पता चलता है कितना काला धन वैध हुआ। इसके आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो (एनसीआबी) पर आधारित हैं। इंडिया फॉरेंसिक ने सत्यम घोटाले में सीबीआई को मदद दी थी।
तीन सौ पार्टियों ने आज तक नहीं भरा टैक्स रिटर्न
आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि देशभर की करीब 300 पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों ने आजतक कभी भी अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया। इस खुलासे के बाद चुनाव आयोग ने विभाग को इन पार्टियों को नोटिस जारी करने को कहा है।
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भ्रष्टाचार देश में सबसे बड़ा मुद्दा है, इसमें कोई दो राय नहीं। एक के बाद एक घोटाले सामने आने का मतलब क्या यह समझ लेना चाहिए कि सरकार के लिए घोटालेबाजों पर लगामा लगाना नामुमकिन है? जनता के पैसे पर डाका डालने वाले भ्रष्टाचारियों के लिए सरकार-समाज में कहां जगह होनी चाहिए? भ्रष्टाचार पर आप क्या सोचते हैं, नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर सबमिट करें और अपनी बात दुनिया भर के पाठकों से शेयर करें....
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