दोस्तों में मिडिया से खुद को जुड़ा मानकर अपने ज्ञान पर बहुत अकड़ता फिरता हूँ लेकिन कई बाते ऐसी हैं जो मुझे जनता यानी पब्लिक से पता चलती है और फिर में सोचता हूँ के यह पब्लिक है सब जानती है ...........रामोजी फिल्म का इलेक्ट्रोनिक मिडिया इ टी वी उर्दू , इ टी वी राजस्थान और सभी इ टी वी चेनल पर इन दिनों अधूरे ख्वाब और मुस्लिमों की आज की स्थिति पर खुली बहस चल रही है सबसे पहले राजस्थान में फिर महाराष्ट्र और फिर बिहार में यह कार्यक्रम हुए ..मुझ सहित सभी आम सोच वाले लोग समझते हैं के इ टी वी देश भर के मुसलमानों का हमदर्द है और वोह देश के मुसलमानों की सच्ची तस्वीर दिखाकर उनके हालत बदलना चाहता है मेने कई बार इ टी वी को धन्यवाद भी दिया लेकिन एक सच जो ट्रेन में ओद ग्रामीणों ने आपसी वाद विवाद के दोरान बताया उससे लगा के शायद यह निरक्षर से दिखने वाले लोग हमसे ज्यादा चतुर और चालक है जो हर नब्ज़ को समझ लेते हैं ..में ट्रेन से जयपुर से कोटा आ रहा था पास की ही सीट पर एक कुरता पजामा में और दुसरा भाई धोती कुरता में बता था दोनों एक दुसरे के परिचित थे वक्त गुजरने के लियें उन्होंने राजनीती की बात शुरू की फिर इ टी वी इलेक्ट्रोनिक मीडिया की कार्यवाही जिसमे राजस्थान में कोन क्या कर रहा है उसकी छोटी से बढ़ी खबर सभी विभागों के विज्ञापनों के साथ दिखाए जाते हैं बात उनकी ही चल पढ़ी ....धोती कुरते वाले ने कहा के इ टी वी खा तो कोंग्रेस की रहा है और गा भाजपा की रहा है कुरते पायजामे वाले भाई ने कहा के भाई इ टी वी पर रोज़ तो कोंग्रेस के मंत्रियों और कोंग्रेस के नेताओं को दिखाया जाता है उन्हें राजस्थान का भगवान बताया जाता है ऐसे में इ टी वी भाजपा की केसे गा सकता है बस फिर क्या था धोती कुरते वाले भाई साहब थोड़ा तेश में आ गये कुरते पायजामा वाले से समझाने के अंदाज़ में बोले देखो इ टी वी देश भर के मुसलमानों की आज की स्थिति बता रहा है और हर कार्यक्रम में वक्ता लोग मुसलमानों की बदहाली के लियें कोंग्रेस और कोंग्रेस के नेताओं को तार्किक तरीके से ज़िम्मेदार ठहरा रहे है और सच भी यही है इन सब के बाद भी मुसलमान का ९० फीसदी तबका आज भी कोंग्रेस का वोटर है जिससे भाजपा माइनस और कोंग्रेस प्लस में चली जाती है इसीलियें इ टी वी से आर एस एस और भाजपा ने सोदा क्या है और इ टी वी एक तीर से दो शिकार कर रहा है एक तो मुस्लमान इस कार्यक्रम से इ टी वी से खुश हैं उसकी टी आर पी और विज्ञापन बढ़ रहे हैं दुसरे देश की जनता और खासकर मुसलमानों को इस कार्यक्रम से यह समझ में आने लगा है के उनकी और उनके भाइयों की बदहाली की ज़िम्मेदार पार्टी कोंग्रेस ही है इसलियें मुसलमानों कोंग्रेस के खिलाफ बगावत है और ऐसे में मुसलमान कोंग्रेस से अलग हठ कर किसी दूसरी क्षेत्रीय पार्टी में भी जाते हैं या वोट डालने में निष्क्रिय रहते हैं तो भी तो जीत तो बाजपा की ही है में इन ग्रामीणों की बाते सुनकर भोचक्का था और सोचने पर मजबूर हुआ के शायद यह सच भी हो सकता है यह लोग ऐसा इसलियें बतिया रहे है के यह पब्लिक है और पब्लिक है के सब जानती है .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 जून 2011
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aapne ek dam sahi kiya hai aapki link yaha jodi gai hai aap hame apne anubhav aakar batayeब्लॉग जमावड़ा me apne anubhav hame bataye
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