आपका-अख्तर खान

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17 जून 2011

यह आँखें देख कर ............

 यह आँखें देख कर ............हम सारी दुनिया भूल जाते हैं ..यह सच है लेकिन कई लोग ऐसे इस दुनिया में है जिनकी आँखे नहीं होने से वोह दुनिया को नहीं देख पा रहे हैं .....देश की जनसंख्या एक सो इक्कीस करोड़ है जबकि ६२३८९ लोग प्रति दिन मोत के घाट उतरते हैं ..इसी तरह ८६८५३ बच्चे प्रति दिन पैदा होते हैं जबकि हमारे देश में छ लाख ब्यांसी हजार चार सो सत्यान्वे लोग आँखे नहीं होने से सुनहरी जिंदगी का लुत्फ़ नहीं ले पा रहे हैं अगर हम सभी अपनी आँखे नेत्रदान के अभियान के तहत दान करें तो केवल ११ दिनों में ही देश के सभी अंधों को आँखें मिल सकती है ..क्या हम और आप ऐसा कर सकेंगे ..नेत्रदान महादान .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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