दोस्तों हमारे देश की एक राजनितिक पार्टी भाजपा जो खुद को राष्ट्रभक्त और शहीदों की समर्थक बताती है उसी पार्टी के समर्थित मुख्यमत्री के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ जेसी जगह पर शहीद हुए जवानों के शव अगर किसी कचरे के वाहन में ढोये जाएँ तो फिर इसे क्या कहेंगे ..........जी हाँ जनाब छत्तीसगढ़ की जनता की सुरक्षा नक्सलियों से करने के खतरनाक कम में लगे तीन जवानों को नक्सलियों ने बेरहमी से मारडाला था .उनकी इस शहादत से पुलिस जवान और उनके परिजन व्यथित थे और सभी लोग एक शहीद सिपाही की तरह उनकी अर्थी सजाकर मेला लगाकर उनकी क़ुरबानी को याद करने का ताना बाना बुन रहे थे ,,तीनों शहीदों के शव एक टूटी फूटी खराब एम्बुलेंस में रख कर भिजवाये जाने लगे लेकिन छतीसगढ़ सरकार की यह एम्बुलेंस शहीदों को बीच में ही धोखा दे गयी ,,अब छत्तीसगढ़ सरकार की शहीद जवानों के प्रति जो आस्था थी वोह देखिये ..शहीदों की विधवाए और उनके यतीम बच्चे तो उनके शवों का इन्तिज़ार कर रहे थे लेकिन शहीदों के शव पाँच घंटे पुरे पांच घंटे एम्बुलेंस खराब हो जाने के बाद दुसरे वाहन के इन्तिज़ार में खड़े रहे ..शहीदों के शवों के लियें छत्तीसगढ़ सरकार ने इन्तिज़ाम तो किया लेकिन वोह वाहन इंसानों को ढ़ोने वाला नहीं नगर निगम का कचरा ढ़ोने वाला वाहन था और इसी कचरा वाहन में शवों को बेहुरमती से रख कर शहीदों का अपमान करते हुए शवों को गन्तव्य स्थान तक पहुंचाया गए ऐसे में आज सरकार के इस रवय्ये के खिलाफ ना भाजपा बोली है और न ही कथित राष्ट्र भक्त संगठन से जुड़े लोगों ने इस मामले में सरकार से जवाब माँगा है गलती अपना करे तो माफ़ और दुसरा करे तो आलोचना और आन्दोलन ऐसी राजनीती तो शर्म की बात है ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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