जो आग लगी थी
सीने में मेरी
उसे तो तुम्हारे आंसुओं से
बुझा दिया था तुमने ...
इलाही आज
उनके आंसुओं से
भडकी है आग
अब तू ही बता
इस आग को
बुझाऊं में केसे ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
क्या बात है...
जवाब देंहटाएंशानदार, बेहतरीन!
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