आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

09 जून 2011

पुलिस का ऐसा जुल्म पहले कभी नहीं देखा

पुलिस का ऐसा जुल्म पहले कभी नहीं देखा

 
Source: भास्कर न्यूज   |   Last Updated 07:59(07/06/11)
 
 
 
 
कोटा। दिल्ली के रामलीला मैदान में योग गुरु बाबा रामदेव के सत्याग्रह में शामिल कोटा के युवकों का कहना है कि ऐसा पुलिस अत्याचार व जुल्म पहले कभी नहीं देखा। लोगों को अंग्रेजी सरकार की पुलिस का दमन चक्र याद आ गया।

रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन में शामिल होकर कोटा पहुंचे कुन्हाड़ी निवासी राजेन्द्र सुमन ने मीडिया को बताया कि वे तीन जनों, खातौली के अंजनी सुमन, छावनी के हेमंत बैरागी, बूंदी के कन्हैयालाल राठौड़ के साथ बाबा रामदेव के सत्याग्रह कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली गए थे। उनकी ड्यूटी बाबा रामदेव के सुरक्षा घेरे में थी।

सुमन ने बताया कि चार जून की रात लगभग 12.30 बजे बाबा रामदेव मंच पर सो रहे थे। उसी समय 100-150 सादा वस्त्रों में पुलिसकर्मी पंडाल में घुसे, वे सभी मंच की तरफ आने लगे। उन्हें रोका तो वे नहीं रुके, ऐसे में बाबा की सुरक्षा घेरे से जुड़े लोगों ने शोर मचाना शुरू किया, कुछ लोगों ने मंच पर बाबा को सूचना दी, कुछ ही समय में पंडाल में पुलिस ही पुलिस हो गई।

पुलिसकर्मियों ने बाबा तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन, बाबा अपने समर्थकों की भीड़ में आ चुके थे। इस बीच ही पुलिस ने वहां से लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। ऐसे में कई लोग पंडाल में गिर गए और उन पर से लोग गुजरने लगे। पुलिस की इस कार्रवाई में कई महिला-पुरुष चोटिल हुए।

कपड़े, बैग व पर्स छूटे
रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई के दौरान पंडाल में भगदड़ मचने से सत्याग्रह कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बैग, कपड़े व मोबाइल व पर्स छूट गए। इनमें कोटा के लोगों के बैग भी शामिल हैं। भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग पीठ लाडपुरा तहसील के महेश मेघवाल ने बताया कि वे भी सत्याग्रह कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली गए थे। वहां पुलिस कार्रवाई के दौरान दसलाना के दयाराम गुर्जर का पर्स गुम हो गया। पर्स में 1500 रुपये व दस्तावेज थे। पुलिस कार्रवाई में मेघवाल के घुटने में चोट लगी है तथा उनका मोबाइल भी टूट गया है
 
\
 
 
 
 
कोटा। दिल्ली के रामलीला मैदान में योग गुरु बाबा रामदेव के सत्याग्रह में शामिल कोटा के युवकों का कहना है कि ऐसा पुलिस अत्याचार व जुल्म पहले कभी नहीं देखा। लोगों को अंग्रेजी सरकार की पुलिस का दमन चक्र याद आ गया।

रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन में शामिल होकर कोटा पहुंचे कुन्हाड़ी निवासी राजेन्द्र सुमन ने मीडिया को बताया कि वे तीन जनों, खातौली के अंजनी सुमन, छावनी के हेमंत बैरागी, बूंदी के कन्हैयालाल राठौड़ के साथ बाबा रामदेव के सत्याग्रह कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली गए थे। उनकी ड्यूटी बाबा रामदेव के सुरक्षा घेरे में थी।

सुमन ने बताया कि चार जून की रात लगभग 12.30 बजे बाबा रामदेव मंच पर सो रहे थे। उसी समय 100-150 सादा वस्त्रों में पुलिसकर्मी पंडाल में घुसे, वे सभी मंच की तरफ आने लगे। उन्हें रोका तो वे नहीं रुके, ऐसे में बाबा की सुरक्षा घेरे से जुड़े लोगों ने शोर मचाना शुरू किया, कुछ लोगों ने मंच पर बाबा को सूचना दी, कुछ ही समय में पंडाल में पुलिस ही पुलिस हो गई।

पुलिसकर्मियों ने बाबा तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन, बाबा अपने समर्थकों की भीड़ में आ चुके थे। इस बीच ही पुलिस ने वहां से लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। ऐसे में कई लोग पंडाल में गिर गए और उन पर से लोग गुजरने लगे। पुलिस की इस कार्रवाई में कई महिला-पुरुष चोटिल हुए।

कपड़े, बैग व पर्स छूटे
रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई के दौरान पंडाल में भगदड़ मचने से सत्याग्रह कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बैग, कपड़े व मोबाइल व पर्स छूट गए। इनमें कोटा के लोगों के बैग भी शामिल हैं। भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग पीठ लाडपुरा तहसील के महेश मेघवाल ने बताया कि वे भी सत्याग्रह कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली गए थे। वहां पुलिस कार्रवाई के दौरान दसलाना के दयाराम गुर्जर का पर्स गुम हो गया। पर्स में 1500 रुपये व दस्तावेज थे। पुलिस कार्रवाई में मेघवाल के घुटने में चोट लगी है तथा उनका मोबाइल भी टूट गया है

1 टिप्पणी:

  1. सह -भावित दोहे :वीरेंद्र शर्मा ,डॉ .नन्द लाल मेहता वागीश .डी .लिट .।
    चाटुकार चमचे करें ,नेता की जय -कार ,
    चलती कारों में हुई ,देश की इज्ज़त तार ,
    छप रहे अखबार में ,समाचार हर बार ,
    कुर्सी वर्दी मिल गए भली करे करतार ।
    बाबा को पहना दीनि ,कल जिसने सलवार ,
    अब तो बनने से रही ,वह काफिर सरकार ।
    है कैसा यह लोकतंत्र ,है कैसी सरकार ,
    चोर उचक्के सब हुए ,घर के पहरे -दार ,
    संसद में होने लगा यह कैसा व्यापार ,
    आंधी में उड़ने लगे नोटों के अम्बार ।
    मध्य रात पिटने लगे ,बाल वृद्ध लाचार ,
    मोहर लगी थी हाथ पर ,हाथ करे अब वार ।
    और जोर से बोल लो उनकी जय -जय कार ,
    सरे आम लुटने लगे इज्ज़त ,कौम परिवार ,
    जब से पीज़ा पाश्ता ,हुए मूल आहार ,
    इटली से चलने लगा ,सारा कारोबार ।
    प्रस्तुती :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ).

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...