बच्चों से जबरन मंगवा रहे थे भीख
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इनमें कोई अपहरण किया हुआ बच्चा तो नहीं अथवा गिरोह उनसे चोरी तो नहीं करवाता। सिर पर हरी टोपी और गले में माला, दो मासूम कड़ाके की धूप में छावनी व गुमानपुरा इलाके में भीख मांग रहे थे। उनको भीख मांगने के लिए अच्छी तरह से ट्रेंड किया हुआ है। जब लोगों ने उन्हें देखा तो पूछताछ की। उनकी सूचना पर प्रशिक्षु आईपीएस पंकज चौधरी वहां आए।
बच्चों ने पहले तो अपना सही नाम नहीं बताया लेकिन बाद में चॉकलेट खिलाने पर उन्होंने सारी कहानी बयां कर दी। चौधरी ने डकनिया स्टेशन के पास दबिश दी और सुल्तानपुर के नत्थू योगी, कालू, चांद मोहम्मद व ददई को पकड़ा। वहां 22 बच्चे व 8-10 महिलाएं भी मिलीं। दूधमुहें बच्चों को महिलाओं के पास छोड़ा। शेष 5 बच्चों को उद्योग नगर थाने भेज दिया। देर रात पुलिस ने उन 5 बच्चों को भी परिजनों को सौंप दिया। इन बच्चों का रिकॉर्ड जुटाया जाएगा।
पैसों के लिए पीटते थे आरोपी: बच्चों ने पुलिस को बताया कि आरोपी उन्हें जबरन भीख मंगवाते थे, वे प्रतिदिन 200 से 300 रुपए उन्हें जब कम रुपए देते थे।
पढ़ने की इच्छा है: एक बच्चे ने बताया कि उसकी पढ़ने की इच्छा है वो पहले भी स्कूल जाता था। अब फिर से पढ़ना चाहता है।
बच्चे कहां से आए पड़ताल होगी: ये गिरोह इतने सारे बच्चे कहां से लाया। इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए अजमेर व सुल्तानपुर से सूचना मांगी जाएगी। यह भी शक जताया जा रहा है कि यह बच्चों से चोरी की वारदातें भी कराते हैं। पुलिस को भनक लगते ही ये जगह छोड़ देते हैं। अब ये सवाईमाधोपुर की ओर जाते। - पंकज चौधरी, आईपीएस
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