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30 जून 2011

बच्चा मुर्दाघर में और मां बाहर बिलखती रही

बच्चा मुर्दाघर में और मां बाहर बिलखती रही


 
 
 
कोटा। सेवारत डॉक्टरों की हड़ताल के कारण कैथून कस्बे में एक बालक के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए लोगों को शव को ब्लाक सीएमएचओ कार्यालय के सामने रखकर प्रदर्शन करना पड़ा। खासे विरोध के बाद प्रशासन ने कोटा से डॉक्टर भेजकर शव का पोस्टमार्टम करवाया। इस बीच बच्चे के मां-बाप अस्पताल में मुर्दाघर के बाहर बिलखते रहे।

कैथून में 6 डॉक्टर तैनात हैं, जिनमें 4 मेडिकल ऑफिसर व 2 संविदा वाले हैं। इनमें 4 हड़ताल पर थे। एक मुख्यालय पर नहीं था और दूसरे ने पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया था। कैथून के वार्ड 1 में रहने वाले धनराज का 12 वर्षीय बेटा सोनू बुधवार को चंद्रलोई नदी पर नहाते समय डूब गया।

गुरुवार को उसका शव खेड़ा रसूलपुर के पास मिला। उसका आधा शरीर मगरमच्छ व मछलियां खा चुकी थी। परिजन व कस्बे के लोग शव को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर हड़ताल पर मिले। इस मामले की जब कलेक्टर को सूचना मिली, तो उन्होंने शव कोटा ले आने की बात कही गई, लेकिन लोग कैथून में ही पोस्टमार्टम करवाने पर अड़े रहे। उनका कहना था कि शव पहले ही मगरमच्छ के खाने से काफी बिखर गया है।

ऐसे में उसे कोटा नहीं ले जाया जा सकता। बाद में प्रशासन ने एमबीएस अस्पताल से डॉक्टर दीपक शर्मा को वहां बुलाया और पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद परिजनों ने शव लिया। लोग कैथून अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के हड़ताल पर चले जाने के बाद कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करने से नाराज थे।

सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल थी, ऐसे में वे क्या कर सकते हैं। जिले में 126 मेडिकल ऑफिसर हड़ताल में थे, इससे सभी जगह सेवाएं प्रभावित हुई है। कोटा से डॉक्टर भेजकर पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें किसी की लापरवाही नहीं है।
गजेंद्र सिंह सिसोदिया,सीएमएचओ का तो बस यही बयान है ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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