इंसान का एक सच .......
जो सबको सुनना है .........
इंसान
एक दूकान है
और
जुबान
उसका ताला
ताला
खुलता है
तभी
मालूम पढ़ता है
के दुकान
सोने की है
या कोयले की
इसलियें
सोने की दूकान के
दुकानदार बनो .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
बहुत अच्छी रचना ..!!
जवाब देंहटाएंक्या बात है, बहुत अच्छी बात कही, बधाई
जवाब देंहटाएंऊपर वाले दोनों कमेंट मेरे उद्गार भी हैं ।
जवाब देंहटाएंजज़ाकल्लाह !
bhut khub....
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