दोस्तों मेने वोह वक्त भी देखा है जब लोकतंत्र का गला घोट दिया गया था..जब आम आदमी की आजादी छीन कर उन्हें जेल में डाल दिया गया था जब कुछ राज्यसभा के चोर दरवाज़े से देश का प्रतिनिधित्व करने वाले कथित नेताओं ने देश की जनता और देश के लोकतंत्र को ताक में रख दिया था .जी हाँ २५ जून१९७५ की रात ११.५५ मिनट का वोह मनहूस लम्हा जब देश के सभी संवेधानिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे .तब हम ने वोह वक्त भी देखा था के एक अखबार की खबर को कलेक्टर से जंचवा कर ही हमे उसे प्रकाशित करना पढ़ता था ..आज अगर वोह वक्त वोह लम्हा दिमाग में भी आजाता है तो रूह काँप जाती है ...लेकिन हाल ही में देश के वरिष्ठ मंत्री प्रणव मुखर्जी का यह ब्यान के देश एक बार फिर आपात काल की तरफ जा रहा है क्या संकेत देता सरकारी हठधर्मिता के कारणों से देश में चलाई गयी अराजकता देश,जनता और सरकार सभी के लियें घातक है खेर भारत की आज़ादी को ६४ साल हो गए है ....भारत में आपात काल के बाद दुबारा लोकतंत्र की बहाली के ३६ साल हो गए है २५ जून १०७५ को जब इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र पर प्रहार किया लोकतंत्र के दीवानों को जेल डाल दिया तब देश में जयप्रकाशनारायण पैदा हुए और फिर से देश में लोकतंत्र बहाल हुआ ..कोटा में मीसा बंदी रहे युवा तुर्क तेजतर्रार आन्दोलन करी किसान नेता फरीदुल्ला खान ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और वर्तमान में तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की बहाली को लेकर फिर से आवाज़ बुलंद की है ..फरीदुल्ला खान ने पहले लोकतंत्र के सेनानी जो उनके वक्त में मीसा बंदी थे और जिनकी मासिक आय नगण्य थी वोह इस लड़ाई के बाद अरब पति ख़राब पति केसे बन गए इस तरफ भी उन्होंने खोज बीन की और भाजपा के साथ तीसरे मोर्चे के कुछ दिनों में ही अरबपति बने नेतओं का पर्दाफाश किया ..फरीदुल्ला भाई ने देश में आपातकाल के सिपाहियों को लोकतंत्र के सेनानी का दर्जा दिलाने के लियें युद्ध किया और फिर वोह एक कानून बनवाकर काफी हद तक कामयाब भी हुए राजस्थान में इस कानून को उन्होंने बनवाया लागू करवाया लेकिन कोंग्रेस की सरकार आजाने के बाद कोंग्रेस ने इस कानून को क्रियान्वित नही किया फरीदुल्ला लोकतंत्र बहाली की लड़ाई आज भी हरे नहीं हैं और उन्होंने २६ जून हर साल आपात काल की याद ताज़ा कराने के लियें काला दिवस बनाने की शुरुआत की है जिसमे उन्हें कामयाबी भी मिली है अभी भाई फरीदुल्ला अपने इस अभियान को २६ जून से जोधपुर में शुरू करेंगे जिसमे देश भर के लोकतंत्र को बहाल कराने वाले सेनानी अपने अनुभव एक दुसरे के साथ बाँटेंगे .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 जून 2011
आपात काल के 36 साल और आज के हालात ..............कोटा से फरीदुल्ला जगा रहे है देश में इस जागरण अभियान को
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फरीदुल्ला भाई को हमारा समर्थन और शुभकामनाएँ | वे अपने मिशन में सफल हों |
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