आपका-अख्तर खान

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28 जून 2011

अपने खुद के पुराने रिश्तों को ..

यह रिश्ते 
कितने अजीब है 
जिन रिश्तों के लियें 
में भागता भाता 
 दूर बहुत दूर 
छोड़ आया 
अपने खुद के पुराने रिश्तों को ..
आज में 
देख लो 
भागा जा रहा हूँ 
उसी रिश्ते की तलाश में 
और मेरे अपने रिश्ते भी छूटे मुझ से 
जिन रिश्तों के पीछे 
भागा था में 
आज वोह रिश्ते भी 
मुझे नहीं मिल सके हैं 
यह रिश्ते भी 
बड़े अजीब होते हैं 
जो पास रहते है 
वोह दूर 
और जो दूर रहते हैं 
वोह करीब होते हैं ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

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