कोटा के निजी स्कूलों में राईट टू एजुकेशन का कानून अब तक लागू नहीं किया जा सका है आंकड़े बताते हैं के कोटा में गरीब बच्चे तो हैं लेकिन अधिकारिक रूप से बिना फ़ीस के इस नए कानून के तहत अधिकार के रूप में बच्चों को अभी तक यहाँ एडमिशन नहीं दिया गया है ...............कहने को तो अधिकारीयों ने यहाँ इस व्यवस्था के तहत काफी काफी सर्वे किये इसे लागु करवाने के लियें बढ़ी बढ़ी बातें की लेकिन कोटा के शिक्षा माफिया के आगे सरकार और उनके कोटा में बेठे अधिकारी बेबस और बेजुबान हैं स्थिति यह है के शिक्षा गारंटी अधिनियम की क्रियान्विति कोटा के स्कूलों में आज तक भी नहीं हो पाई है केवल आंकड़े बटोरने के लियें नर्सरी स्तर के कुछ बच्चों को यह सुविधा दिखावटी तोर पर दी गयी है तो जनाब है न मजेदार सरकार मजेदार अधिकारी और प्रभावशाली कोटा का शिक्षा माफिया .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 जून 2011
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बहुत सारे कानून बना दिए गए हैं। अधिकतर दिखावे के लिए हैं। किसी भी कानून की पालना को सुनिश्चित कभी नहीं की गई है। जब हल्ला होता है तो दिखावे की कार्यवाही होती है। सारे कानून सबल लोगों के लिए हैं। निर्बलों को तो एक भगवान बना कर पकड़ा दिया गया है कि इस के भरोसे जी।
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