मेने
आसमान की
खूबसूरती को
नज़र उठाकर
बढ़े प्यार से देखा
आसमान की
इस खूबसूरती पर
में कुछ कहता
इसके पहले ही
आसमान फटा
और सुनामी सा
पानी का सेलाब
जमीन पर बह निकला
में बेचारा तो
इस सेलाब के किनारे लग कर
बच गया
लेकिन
मेरा घर मेरे अपने
सब इस आसमान से
गिरे सेलाब में
तबाह और बर्बाद हो गए
क्या यही आसमान है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
sunder rachna,...
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