आपका-अख्तर खान

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30 जून 2011

तबाह और बर्बाद हो गए

मेने 
आसमान की 
खूबसूरती को 
नज़र उठाकर 
बढ़े प्यार से देखा 
आसमान की 
इस खूबसूरती पर 
में कुछ कहता 
इसके पहले ही 
आसमान फटा 
और सुनामी सा 
पानी का सेलाब 
जमीन पर बह निकला 
में बेचारा तो 
इस सेलाब के किनारे लग कर 
बच गया 
लेकिन 
मेरा घर मेरे अपने 
सब इस आसमान से 
गिरे सेलाब में 
तबाह और बर्बाद हो गए 
क्या यही आसमान है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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